UPPSC Protest: प्रयागराज में यूपी लोक सेवा आयोग के बाहर पिछले चार दिनों से चल रहा प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गया है। छात्रों ने पीसीएस प्री और आरओ/एआरओ परीक्षाओं को "वन डे, वन शिफ्ट" में आयोजित करने की मांग की थी। इस दबाव में आयोग को अपना रुख बदलने पर मजबूर होना पड़ा। आयोग ने पीसीएस प्री परीक्षा को एक दिन में आयोजित करने का निर्णय लिया, जबकि आरओ/एआरओ परीक्षा को स्थगित कर एक समिति गठित करने का फैसला लिया। हालांकि, छात्रों ने इस फैसले को लेकर असंतोष जताया और आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है।
धरने पर बैठे छात्रों का कहना है कि उनकी मांग केवल पीसीएस परीक्षा तक सीमित नहीं थी। वे चाहते थे कि आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए भी समान निर्णय लिया जाए। छात्रों ने "न बटेंगे, न हटेंगे" का नारा दिया और स्पष्ट किया कि जब तक दोनों परीक्षाओं के लिए समान निर्णय नहीं लिया जाएगा, वे अपना आंदोलन जारी रखेंगे।
आंदोलन में बढ़ती चिंता, छुट्टी का डर
छात्रों को अब यह डर सता रहा है कि लोक सेवा आयोग की आगामी तीन दिन की छुट्टी उनके आंदोलन को और बढ़ा सकती है। कुछ छात्रों का मानना है कि आयोग ने पीसीएस पर फैसला लेकर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश की है, हालांकि फिलहाल आंदोलन में एकजुटता बनी हुई है। फिर भी, छात्रों को चिंता है कि उनका प्रदर्शन लंबा खिंच सकता है और वे अपनी परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर पा रहे हैं।
राजनीतिक समर्थन और प्रशासन की दुविधा
आज छात्र आंदोलन का चौथा दिन था, और प्रदर्शन लगातार बढ़ रहा है। प्रयागराज में छात्रों ने आयोग के मुख्यालय के बाहर डटे रहने का मन बना लिया है। प्रशासन भी इन छात्रों के सामने बेबस नजर आ रहा है। छात्र संगठन ने आयोग के गेट पर "लूट सेवा आयोग" और "भ्रष्ट आयोग" जैसे नारे लिखकर विरोध जताया। इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई।
सीएम योगी का हस्तक्षेप के बाद आयोग ने कदम उठाया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप किया और यूपी लोक सेवा आयोग को छात्रों के साथ संवाद स्थापित करने का निर्देश दिया। सीएम की पहल के बाद, आयोग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें पीसीएस प्री परीक्षा को "वन डे, वन शिफ्ट" में आयोजित करने और आरओ/एआरओ परीक्षा के लिए एक समिति गठित करने की जानकारी दी।
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