Shahjahanpur Mosques: देशभर में होली का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर जगह सिर्फ रंगों में रंगे लोग ही नजर आते है। जैसे बरसाना में लठमार होली, वृंदावन में फूलों वाली होली खेली जाती है। ठीक वैसे ही उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में जूता मार होली खेली जाती है। इस दिन लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है। ये परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है।
ऐसे में जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। ये जुलूस जिस रास्ते से होकर निकलेगा, उस रास्ते में पड़ने वाली सारी मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया गया है। ऐसे में शहर की 67मस्जिदों और मजारों को तिरपाल से ढका जा रहा है।
शाहजहांपुर में निकलेगा लाट साहब का जुलूस
दरअसल, लाट साहब का मतलब अंग्रेजों के शासन के क्रूर और अत्याचारी अफसरों से है। उन्हीं के विरोध में हर साल होली के दिन लाट साहब का जुलूस निकाला जाता है। इसके लिए पहले एक व्यक्ति को लाट साहब के लिए चुना जाता है। फिर उसका चेहरा ढककर उसे जूते की माला पहनाई जाती है। इसके बाद उसे भैंसा गाड़ी पर बैठाया जाता है। उसके बाद उसे पूरे रास्ते घुमाया जाता है। उस दौरान लोग उस पर रंगों के साथ जूते–चप्पल बरसाते हैं।
इस परंपरा के चलते इस बार 14मार्च को होली के दिन ये जुलूस निकाला जाएगा। ऐसे में जिला प्रशासन ने सुरक्षा-व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए है। इसलिए सभी मस्जिदों को ढका जा रहा है। ताकि कोई अप्रिय घटना ना हो। इसी के साथ सुरक्षा के लिए मस्जिदों के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती की जा रही हैं। साथ ही, जुलूस के रूट पर CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं।
8किलो लंबा होता है जुलूस का रूट
बता दें, शाहजहांपुर में लाट साहब के दो जुलूस निकाले जाते हैं। जिन्हें छोटे और बड़े लाट साहब के नाम से जाना जाता है। जुलूस का रूट करीब 8 किलोमीटर का है। जो चौक से शुरू होकर कोतवाल लाट साहब को सलामी देकर नेग देते हैं और बाबा विश्वनाथ मंदिर पहुंचने के बाद ये जुलूस समाप्त होता है।
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