मायावती के जन्मदिन पर इस शख्स ने लूटी सारी महफिल, मंच पर साथ दिखने से सियासी गलियारों में बढ़ी हलचल

मायावती के जन्मदिन पर इस शख्स ने लूटी सारी महफिल, मंच पर साथ दिखने से सियासी गलियारों में बढ़ी हलचल

Mayawati Second Nephew Ishaan Anand: BSP प्रमुख मायावती ने आज अपना 69वां जन्मदिन मना रही है। इसी के साथ उन्होंने पहली बार अपने परिवार के एक अन्य सदस्य को भी लॉन्च किया। दरअसल, मायावती अपने जन्मदिन के मौके पर अपने छोटे भतीजे ईशान आनंद के साथ पहुंची। इस दौरान उनके साथ उनके बड़े भतीजे आकाश आनंद भी मौजूद रहे।

बता दें, मायावती ने बड़े भतीजे आकाश आनंद को पहले से ही पार्टी की जिम्मेदारी दी हुई है। लेकिन अब उनके छोटे भाई ईशान आनंद का इस तरह मंच पर दिखना उनकी राजनीतिक एंट्री मानी जा रही है।  

आनंद कुमार की तबीयत बिगड़ी

मिली जानकारी के अनुसार, कुछ समय से मायावती के भाई आनंद कुमार की तबीयत खराब चल रही है। जिसकी वजह से बहुजन समाज पार्टी (BSP) आनंद कुमार पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं हो पाए। इसलिए पार्टी में एक नए चेहरे का आगमन हुआ है।

इसी कारण मायावती के छोटे भतीजे ईशान आनंद को राजनीति में उतारा गया है। ईशान आनंद ने BSP के लिए एक महत्वपूर्ण माने जाने वाला दिन (मायावती के जन्मदिन) मंच पर अपनी पहली उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वे आनंद कुमार की अनुपस्थिति में पार्टी के लिए काम करेंगे।

आकाश के छोटे भाई हैं ईशान

बता दें, ईशान रिश्ते में मायावती के छोटे भाई आनंद कुमार के छोटे बेटे हैं। वे हाल में ही लंदन से कानून की पढ़ाई कर लौटे हैं। एक दौर था जब मायावती ने कहा था कि वो राजनीति में अपने परिवार से किसी को लेकर नहीं आएंगी और उनके बाद कोई दलित ही उनका उत्तराधिकारी बनेगा।

आकाश आनंद के पास पहले से जिम्मेदारी

मायावती के इस फैसले को BSP में नए नेतृत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ईशान आनंद के राजनीति में प्रवेश से पार्टी को युवा मतदाताओं को आकर्षित करने में मदद मिल सकती है। बता दें, BSP सुप्रीमो ने आकाश आनंद को पहले ही जिम्मेदारी दी हुई है। फिलहाल वो पार्टी के स्टार प्रचारक हैं, जो दिल्ली विधानसभा में जमकर प्रचार कर रहे हैं।

बता दें, मायावती ने पहले ही आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था। उन्हें पार्टी का नेशनल कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया था। लेकिन लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान जब उन्होंने बीजेपी के सीनियर नेताओं पर सख्त टिप्पणी की तो BSP सुप्रीमो ने उन्हें सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया था। लेकिन हाल ही में, उन्हें उत्तराखंड का प्रभारी बना दिया। जिसके बाद उन्हें फिर से नेशनल कॉर्डिनेटर का पद सौंप दिया गया।  

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