UP Politics: बसपा प्रमुख मायावती आज लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा कर रही हैं। मायावती ने लखनऊ में पार्टी के सभी पदाधिकारियों की बैठक बुलाई। बैठक में मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी पहुंचे और उन्होंने मायावती के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। फिलहाल, बसपा प्रमुख मायावती आज लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार की समीक्षा कर रही हैं। हाल ही में लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद ने BSPके प्रचार के लिए कई रैलियां की थीं। आकाश आनंद पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक भी थे। लेकिन सीतापुर की एक रैली में आकाश आनंद के बयान से मायावती नाराज हो गईं और उनके प्रचार करने पर रोक लगा दी। इतना ही नहीं, मायावती ने उन्हें नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद से भी हटा दिया।
रविवार की बैठक में मायावती के भाई आनंद कुमार भी शामिल हुए। यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। ऐसे में इस बैठक में मायावती यह भी फैसला ले सकती हैं कि बसपा उपचुनाव लड़ेगी या नहीं। हाल ही में लोकसभा चुनाव में मायावती को एक भी सीट नहीं मिली और पार्टी का वोट शेयर भी गिर गया।
बसपा की हालत खराब
बहुजन समाज पार्टी की हालत इस बात से समझी जा सकती है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने यूपी में सिर्फ 17 सीटों पर चुनाव लड़ा और छह सीटें जीतीं और 9।46 फीसदी वोट हासिल किए। बसपा ने सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ा, एक भी सीट नहीं जीत पाई और पार्टी को सिर्फ 9।19 फीसदी वोट मिले। मायावती चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 2007 में मायावती ने यूपी में बहुमत की सरकार बनाई थी, लेकिन 2012 के बाद BSPका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा।
कोई सीट नहीं जीत पाई BSP
2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का खाता भी नहीं खुला, 2017 के विधान सभा चुनाव में पार्टी को 19 सीटें मिलीं और 2022 के विधान सभा चुनाव में 403 सीटों वाली विधान सभा में BSPका सिर्फ एक विधायक बन गया और वोट शेयर 30 फीसदी रह गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती ने अखिलेश यादव के साथ गठबंधन किया और दस सीटें जीतीं, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में मायावती अकेले चुनाव लड़ीं और उनका खाता भी नहीं खुला। इतना ही नहीं, मायावती का वोट बैंक माने जाने वाला दलित वोट बड़ी संख्या में भारत गठबंधन के साथ चला गया। लोकसभा चुनाव में चन्द्रशेखर आजाद भी लोकसभा पहुंचे। अब मायावती को डर है कि बचे हुए दलित वोट भी खिसक सकते हैं।
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