Uniform Civil Code: उत्तरायणी मेले के उद्घाटन के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की प्रमुख नीतियों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर बात की और कहा कि जैसे उत्तराखंड की नदियाँ पूरे देश को लाभ देती हैं, वैसे ही समान नागरिक संहिता से भी पूरा देश लाभान्वित होगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह विधेयक तैयार हो चुका है और इस माह के अंत तक उत्तराखंड में लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कानून और नीतियों की जानकारी दी
मुख्यमंत्री धामी ने अपने भाषण में राज्य में किए गए कुछ महत्वपूर्ण फैसलों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धर्मांतरण की घटनाओं को रोकने के लिए धर्मांतरण रोधी कानून लागू किया गया है। इसके साथ ही, हल्द्वानी में पिछले साल हुए उपद्रव के बाद सख्त दंगा रोधी कानून भी लागू किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि नकल माफियाओं से निपटने के लिए सख्त नकल रोधी कानून बनाया गया है, जिसका उदाहरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अन्य राज्यों में भी प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछले तीन सालों में राज्य सरकार ने 19हजार युवाओं को रोजगार दिया है। इसके साथ ही, लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 5000एकड़ जमीन को खाली कराया गया है।
धार्मिक पर्यटन और महिला सशक्तिकरण पर जोर
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाबा केदारनाथ के जीर्णोद्धार और हरिद्वार में मां गंगा के तट पर कारिडोर बनाने की योजना पर भी उन्होंने बात की। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह बताया कि राज्य को एडवेंचर टूरिज्म, वेडिंग डेस्टिनेशन और फिल्म शूटिंग हब के रूप में विकसित करने की योजना है।
मुख्यमंत्री ने महिला सशक्तिकरण पर भी ध्यान दिलाया और बताया कि ‘हाउस आफ हिमालय, उत्तराखंड’ ब्रांड के तहत ग्रामीण महिलाओं के बनाए उत्पादों को सरकार बाजार में लाएगी। इससे एक लाख महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं।
उत्तरायणी मेले में सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने की बात कही
उत्तरायणी मेले में मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में महिलाओं को देखकर अपनी खुशी जताई। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे वह बरेली में नहीं, बल्कि उत्तराखंड में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। इसके माध्यम से लोकगीत, लोकनृत्य और पौराणिक परिवेश अगली पीढ़ी तक पहुंचता है।
Leave a comment