‘जनता को है कच्छतीवु समझौते के बारे में जानने का हक’, पीएम मोदी के बाद विदेश मंत्री ने कांग्रेस पर बोला हमला
Katchatheevu Island :रविवार को पीएम मोदी ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। जिसके बाद ये द्वीप काफी चर्चाओं में आ गया है। इसी सिलसिले में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। उन्होंने कहा कि जनता को ये जानने का हक है कि कच्छतीवु को लेकर आखिर क्या हुआ था?
एस जयशंकर ने कहा कि साल 1974 में भारत और श्रीलंका ने मैरीटाइम समझौता किया था, जिसमें कच्चातिवु श्रीलंका को दे दिया गया। इस समझौते के तहत कच्चातिवु भारतीय मछुआरे जा सकेंगे और इसके लिए किसी डॉक्यूमेंट की जरूरत नहीं होगी। उस दौरान के विदेश मंत्री ने संसद को बताया था कि समझौते के तहत इस द्वीप पर भारत के मछुआरे जा सकेंगे और आसपास के समुद्री जल में मूवमेंट हो सकेगा।
ये मामला विभिन्न दलों ने बार-बार उठाया
लेकिन दो साल बाद के समझौते में भारत और उसके मछुआरों से उस द्वीप और आसपास के एरिया से अधिकार ले लिए गए। एस जयशंकर ने कहा कि पिछले पांच साल में कच्चातिवु द्वीप और मछुआरे का मुद्दा संसद में विभिन्न दलों द्वारा बार-बार उठाया गया और कई बार तमिलनाडु के सीएम ने ये मामला मेरे सामने उठाया है। मैं खुद 21 बार इसका जवाब पत्रों के माध्यम से दिया है।
‘श्रीलंका को यह कैसे दिया गया’
उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि जनता के पास जानने का अधिकार है कि कैसे ये समझौता हुआ। श्रीलंका को यह कैसे दिया गया। हमें पता है कि दो समझौते हैं। हमे पता है कि ये किसने किया पर हम ये नहीं जानते कि जनता से क्या छिपाया गया, जनता को ये जानने का अधिकार है। विदेश मंत्री ने आगे कहा कि भारत का दावा है कि ये द्वीप राजा रामनाथपुरम की जमींदारी का हिस्सा है, जो बाद में मद्रास प्रेसीडेंसी को गया। हमारे कस्टम डिपार्टमेंट के लोग बहुत समय तक द्वीप पर जाते रहे।
‘यह एक जीवंत मुद्दा है’
विदेश मंत्री ने आगे कहा, यह एक जीवंत मुद्दा है जिस पर संसद और तमिलनाडु हलकों में बहुत बहस हुई है। यह केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच का विषय रहा है। पिछले 20 साल में 6184 भारतीय मछुआरों को श्रीलंका द्वारा हिरासत में लिया गया है और इसी समयकाल में 1175 भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं को श्रीलंका द्वारा जब्त किया गया है।
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