पानी किल्लत से जूझ रहे बेंगलुरु वासियों को नया फरमान, इन सभी कामों पर लगाया गया प्रतिबंध
Bengaluru Water Crisis: मार्च का महीना भी ठीक से शुरू भी नहीं हुआ और बेंगलुरु वासी अभी से पानी के किल्लत से जुझे लगे है। वहां जल संकट इतना गंभीर हो गया है कि बेंगलुरु शहर में एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसके मुताबिक अगर कोई कार धोता, बागवानी करता, निर्माण कार्य करता, सड़कों का निर्माण और रखरखाव करता या पानी के फव्वारे का इस्तेमाल करता पाया गया तो उस पर मुकदमा चलाया जाएगा। कड़ी कार्रवाई की जायेगी। कार्रवाई के तहत आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
दरअसल, पानी की कमी के बावजूद बेंगलुरु की कुछ हाउसिंग सोसायटियों में पानी के दुरुपयोग के मामले सामने आए थे। फिर वहां के निवासियों पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए एक नोटिस जारी किया गया। हालांकि, अब इसे लेकर आदेश जारी कर दिए गए हैं। कर्नाटक जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड ने अपने आदेश में 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाने की बात कही है।
आपको बता दें कि हाईटेक सिटी बेंगलुरु इन दिनों जल संकट से जूझ रहा है। हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री आवास में भी पानी की कमी की बात सामने आई है। 5 फरवरी को यहां पानी के टैंकर आते-जाते दिखे। इसके अलावा लाखों लोग पानी की एक-एक बूंद को मोहताज हैं। सोसायटियों और कॉलोनियों में पानी की भारी कमी है। टैंकरों से पानी मंगाया जा रहा है। इसके बावजूद पानी की कमी पूरी नहीं हो रही है।
टैंकर का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ तो जब्त कर लिया जायेगा: डिप्टी सीएम
बढ़ते संकट के बीच, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य भर के जल टैंकर मालिकों को चेतावनी जारी की है कि यदि वे 7 मार्च की समय सीमा तक अधिकारियों के साथ पंजीकरण नहीं कराते हैं तो उनके टैंकर जब्त कर लिए जाएंगे। बृहत बेंगलुरु नगर निगम (बीबीएमपी), बेंगलुरु के मुख्य कार्यालय में उन्होंने कहा कि बेंगलुरु शहर में कुल 3,500 पानी टैंकरों में से केवल 10 प्रतिशत, यानी 219 टैंकरों ने पंजीकरण कराया है। यदि वे समय सीमा से पहले पंजीकरण नहीं कराते हैं, तो सरकार उन्हें जब्त कर लेगी।
सभी विधायकों को फंड जारी
आपको बता दें कि बेंगलुरु में जल संकट को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 556 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. इसकी जानकारी खुद डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दी है. उन्होंने कहा, 'बेंगलुरु शहर के प्रत्येक विधायक को उनके संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में पानी की कमी को दूर करने के लिए 10 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, बीबीएमपी ने इस मुद्दे को हल करने के लिए 148 करोड़ रुपये और बीडब्ल्यूएसएसबी ने 128 करोड़ रुपये निर्धारित किए हैं। वास्तविक समय में स्थिति पर नजर रखने के लिए एक वॉर रूम स्थापित किया गया है।
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