अहमदाबाद विमान हादसे में भगवद्गीता बनी आस्था का प्रतीक, नहीं जला एक भी पन्ना
Ahmedabad-London Air India Plane Crash: गुरुवार 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे से पूरा देश सहम गया है। टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद विमान क्रैश हुआ और मेघानी नगर के एक रिहायशी इलाके में मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा गिरा। जिस वजह से इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई। जिसमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स समेत हॉस्टल के 24 लोग शामिल हैं। लेकिन इस त्रासदी के बीच एक ऐसी घटना सामने आई, जिसने सभी को हैरान कर दिया। विमान के मलबे में एक भगवद्गीता की प्रति पूरी तरह सुरक्षित मिली, जिसका एक भी पन्ने क नुकसान नहीं पहुंचा।
भगवद्गीता का चमत्कार
विमान हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य शुरु किया गया। उस दौरान जब दमकलकर्मी और स्वयंसेवक मलबे को हटा रहे थे, तब उन्हें मलबे के बीच एक भगवद्गीता की प्रति मिली, जो पूरी तरह सुरक्षित थी। जिसके पन्ने जले हुए नहीं थे। लेकिन पन्नों पर केवल हल्की-सी कालिख थी। बावजूद इसके इसे अब भी आसानी से पढ़ा जा सकता था। भगवद्गीता उस जगह पर मिली जहां सब कुछ जलकर राख हो गया था और विमान के धातु के हिस्से तक पिघल चुके थे।
इस दौरान, राहत कार्य में लगे एक स्वयंसेवक ने बताया 'हमने सोचा था कि इतनी भयानक आग में कुछ भी नहीं बचेगा। लेकिन जब हमने भगवद्गीता को देखा, तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं लगा। किताब के कवर पर हल्की कालिख थी, लेकिन अंदर का एक भी पन्ना जला नहीं था।' सोशल मीडिया पर इस घटना से जुड़े वीडियो और तस्वीरें तेजी से वायरल हो रहे हैं। एक वीडियो में एक व्यक्ति मलबे से निकली भगवद्गीता को हाथ में पकड़े हुए दिखाई दे रहा है, जो पूरी तरह सलामत है। स्थानीय लोगों और राहतकर्मियों ने इसे आस्था का प्रतीक मानते हुए इसे एक असाधारण घटना बताया।
जांच के लिए दिए निर्देश
दूसरी तरफ, हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने काम शुरू कर दिया है। जिसके लिए सरकार ने एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) के प्रोटोकॉल के तहत इस हादले के जांच करने के निर्देश दिए है। शुरुआती जांच में बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की तकनीकी खामियों पर सवाल उठे हैं। क्योंकि इस विमान के साथ पहले भी सुरक्षा संबंधी चिंताएं सामने आ चुकी हैं।
कहां-कैसे हुआ ये हादसा?
एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (AI-171) ने अहमदाबाद से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी। लेकिन टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान मेहमानीनगर के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और आसपास के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 265 लोगों की मौत हो गई। हादसे के समय विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 07 पुर्तगाली, और 01 कनाडाई नागरिक सवार थे। वहीं, इस हादसे में केवल एक यात्री, 40वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वश कुमार रमेश ही जीवित बचे, जो सीट 11A पर बैठे थे और आपातकालीन निकास द्वार के पास होने के कारण बच गए।
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