'MSP गारंटी से कम कुछ भी मंजूर नहीं', किसान मोर्चा ने ठुकराया सरकार का प्रस्ताव, चौथे दौर की वार्ता भी विफल
Farmers Protest: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के एमएसपी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार ने कथित तौर पर एमएसपी पर पांच साल के अनुबंध का प्रस्ताव दिया है। किसानों का कहना है कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर उन्हें पता चला है कि केंद्र सरकार एमएसपी पर A2+FL+50% के आधार पर अध्यादेश लाने की योजना बना रही है। किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि C2+50% से नीचे कुछ भी स्वीकार नहीं किया जाएगा।
बयान के मुताबिक, किसानों को मक्का, कपास, अरहर/अरहर, मसूर और उड़द समेत पांच फसलों की खरीद के लिए पांच साल के अनुबंध का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि, किसान मोर्चा ने साफ कर दिया है कि वे C2+50% फॉर्मूले के आधार पर ही एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि बीजेपी ने खुद 2014 के चुनाव में अपने घोषणापत्र में इसका वादा किया था।
'मोदी सरकार अपने वादे पूरे नहीं कर पा रही तो बताएं PM'
किसान मोर्चा ने कहा कि स्वानिथन आयोग ने 2006 में अपनी रिपोर्ट में केंद्र सरकार को C2+50% के आधार पर एमएसपी देने का सुझाव दिया था। बयान में कहा गया है कि इस आधार पर वह सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहते हैं। इससे किसान अपनी फसल तय कीमत पर बेच सकेंगे और उन्हें घाटा नहीं उठाना पड़ेगा। मोर्चा ने कहा कि अगर मोदी सरकार बीजेपी के वादों को लागू नहीं कर पा रही है तो प्रधानमंत्री को ईमानदारी से जनता को बताना चाहिए।
किसानों की केंद्र सरकार से मांगें
एसकेएम ने केंद्रीय मंत्रियों से यह स्पष्ट करने की मांग की है कि मोदी सरकार कर्ज माफी, बिजली का निजीकरण, सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना, 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10,000 रुपये की मासिक पेंशन नहीं देगी, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा । टेनी को बर्खास्त करने की भी मांग की गई है।
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