न इधर हैं ना उधर...आखिर किसकी फिरकी ले रहे हैं कमलनाथ? डैमेज कंट्रोल में जुटी कांग्रेस!
Congress Vs BJP: अभी तक कांग्रेस अपने और भारत गठबंधन में अपने कुछ सहयोगियों के जाने के गम से उबर नहीं पाई थी। फिर शनिवार को अचानक खबर आई कि वरिष्ठ नेता कमल नाथ अपने बेटे नकुल नाथ के साथ बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। देर रात तक कयासों का दौर जारी रहा। रविवार को आधा दर्जन कमलनाथ समर्थक विधायक भी दिल्ली पहुंचे, जिसके बाद हलचल और बढ़ गई। खबरों के मुताबिक इनमें से तीन विधायक छिंदवाड़ा से हैं। जबकि क्षेत्र के अन्य तीन विधायक दिल्ली रवाना होने वाले हैं।
दिल्ली में बड़े नेताओं का जमावड़ा
कमलनाथ ऐसे समय में दिल्ली आए हैं जब बीजेपी का राष्ट्रीय अधिवेशन खत्म हो चुका है और एमपी के सभी बड़े नेता राजधानी में डेरा डाले हुए हैं। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही बीजेपी में एंट्री कर सकते हैं। माना जा रहा है कि गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद रास्ता साफ हो जाएगा। हालांकि, कमल नाथ ने अपनी तरफ से पत्ते नहीं खोले हैं। न तो वह कांग्रेस के साथ रहने की बात कर रहे हैं और न ही बीजेपी के साथ जाने को राजी हैं।
सक्रिय हो गये कांग्रेस नेता
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, 'कांग्रेस में ऐसा कोई पद नहीं जो कमल नाथ को न दिया गया हो। वह केंद्र में मंत्री रह चुके हैं। वह प्रदेश अध्यक्ष और सीएम का पद भी संभाल चुके हैं। लेकिन बीजेपी लगातार ईडी, सीबीआई और आईटी पर दबाव बनाती रहती है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि वह दबाव में आएंगे।
इस बीच, एमपी कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, 'ये खबरें निराधार हैं। क्या आप सपने में भी सोच सकते हैं कि इंदिरा जी का तीसरा बेटा कांग्रेस छोड़ सकता है।।।जिनके नेतृत्व में हमने 2 महीने पहले चुनाव लड़ा, जिन्हें मुख्यमंत्री बनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता अपना सर्वस्व न्यौछावर करते रहे, क्या वे कांग्रेस छोड़ेंगे? छोड़ सकना।
...तो क्या पार्टी नेतृत्व से नाराज हैं कमलनाथ?
अब कांग्रेस नेता कमलनाथ के न जाने को लेकर पूरी तरह निश्चिंत हो सकते हैं। लेकिन खबरों के मुताबिक, कमलनाथ पार्टी आलाकमान से नाराज हैं। उन्होंने इसकी जानकारी पार्टी नेतृत्व को भी दे दी है।शनिवार को कमल नाथ के करीबी सज्जन सिंह ने कहा था कि राजनीति तीन बातों पर चलती है- मान, अपमान और स्वाभिमान। जब भी कोई बड़ा नेता पार्टी छोड़ता है तो उसके पीछे ये तीन फैक्टर होते हैं। पिछले साल नवंबर में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद कमलनाथ को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। बताया जा रहा है कि कमलनाथ इससे नाखुश हैं।
क्या दबाव का खेल खेल रहे हैं कमलनाथ?
राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि यह कमलनाथ की दबाव की राजनीति भी हो सकती है। अगर कमल नाथ बीजेपी के साथ जाते हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले यह कांग्रेस के लिए निजी झटका होगा और पार्टी ऐसे समय में ऐसा कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी। अब कमल नाथ कांग्रेस के साथ रहेंगे या बीजेपी के साथ जाएंगे ये तो आने वाले समय में साफ हो जाएगा, लेकिन फिलहाल कमल नाथ ने अपने पत्ते छिपाए हुए हैं।
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