नई दिल्ली:वक्फ संसोधन कानून पर बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद सरकार से अपील की। उन्होंने इस पर पुनर्विचार करने की मांग की है। मायावती ने कहा, "राज्य वक़्फ़ बोर्ड में गैर-मुस्लिम को शामिल करने का प्रावधान प्रथम दृष्टया अनुचित प्रतीत होता है, जिसका मुस्लिम समाज में भारी विरोध भी है।
मायावती ने कहा कि "बीएसपी की ये मांग है कि इन सभी मामलों में सरकार ज़रूर ध्यान दे। उन्होंने कहा कि "भारत में भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्र और सभी राज्य सरकारों को आतंकियों के विरुद्ध अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थों को छोड़कर भारतीय कानून के तहत निष्पक्ष और ईमानदार और सख्त कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अगर वक्फ कानून को फिलहाल स्थगित करते हुए उस पर पुनर्विचार करती है तो यह बेहतर होगा।
हर स्तर पर जरूरी कानूनी अधिकार दिए हैं- मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, "14 अप्रैल 2025 को भारतीय संविधान के निर्माता साथ ही दलित एवं अन्य उपेक्षित वर्गों के मसीहा, परमपूज्य बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती पर मैं पार्टी की ओर से श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूं। उन्होंने भारतीय संविधान में हर स्तर पर जरूरी कानूनी अधिकार दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताए हुए रास्ते पर चलकर काशी राम ने बाबा सहब के जन्मदिन के शुभ अवसर पर अर्थात् दिनांक 14 अप्रैल 1984 को बहुजन समाज पार्टी के नाम से राजनीतिक पार्टी का विधिवध गठन किया।
8 अप्रैल से हुआ लागू
वक्फ संशोधन विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गया है। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी इस विधेयक को मंजूरी दे दी थी। जिसके बाद यह कानून बन गया था। भारत सरकार ने मंगलवार को बताया कि वक़्फ़ (संशोधन) अधिनियम, 2025 मंगलवार यानी आठ अप्रैल से लागू हो गया है।
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