UP By Election: अकेले चुनाव लड़ने का पैंतरा नहीं आया काम, अब मायावती ने शुरू किया BSP में भारी फेरबदल

UP By Election: अकेले चुनाव लड़ने का पैंतरा नहीं आया काम, अब मायावती ने शुरू किया BSP में भारी फेरबदल

Mayawayti Big Action After By Eelection Result: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद बीएसपी प्रमुख मायावती एक्शन मोड में आ गई हैं। उन्होंने संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है। उन्होंने नेताओं का ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है। बता दें कि हाल ही में हुए उत्तर प्रदेश उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी को सभी 9 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। यहां तक की बसपा के छह उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।   

बसपा की हालत खराब                                       

ये पहला मौका नहीं जब मायावती को हार का सामना करना पड़ा है। इससे पहले 2022 के विधानभा चुनाव में भी बसपा को मुंह की खानी पड़ी थी। बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी। मतलब किसी ने कल्पना नहीं कि थी कि एक वक्त यूपी की सीएम रह चुकीं मायावती सिर्फ सीट पर सीमट कर रह जाएंगी। इतना ही नहीं यहां तक की बीएसपी से राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्जा भी छिन गई है।  

संगठन में बदलाव की तैयारी शुरू                                          

अब उत्तर प्रदेश उपचुनाव के बाद बीएसपी की नींद खुल गई है। बता दें कि मायावती ने सोमवार यानी 25 नवंबर से ही संगठन में बदलाव शुरू कर दिया है। मायावती ने झारखंड इकाई का कामकाज देख रहे शरण दिनकर को कानपुर की जिम्मेदारी सौंपी हैं। वहीं, धर्मवीर अशोक को पूर्वाचल से बुंदेलखंड भेज दिया गया है। ऐसे ही कई नेताओं को उनके मंडल से हटाकर अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा गया है। साथ ही बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मायावती गठबंधन करने पर भी फैसला ले सकती हैं।  

चंद्रशेखर रावण की पार्टी का कद बढ़ा                       

दूसरी तरफ आजाद समाज पार्टी के बढ़ते जनाधार ने मायावती को चिंता में डाल दिया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव के वक्त से ही चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी संगठन के विस्तार में जुटी है। हाल ही में हुए उपचुनाव में चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ने नौ में से आठ सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। मीरापुर में आजाद समाज पार्टी को 12 प्रतिशत (22,661) से अधिक वोट मिले थे। वहीं, कुंदरकी सीट पर भी चंद्रशेखर आजाद की पार्टी तीसरे स्थान पर रही और उसे 14 हजार से अधिक वोट हासिल हुए थे। इन दोनों ही सीटों पर आजाद समाज पार्टी ने बसपा को पीछे छोड़ दिया था।                                                                            

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