UP CRIME: नटवरलाल गैंग ने 600 बच्चों के भविष्य से किया खिलवाड़, जानें क्या है पूरा मामला

UP CRIME: नटवरलाल गैंग ने 600 बच्चों के भविष्य से किया खिलवाड़, जानें क्या है पूरा मामला

बस्ती: यूपी के बस्ती में जहां एक तरफ सरकार बच्चों की शिक्षा को लेकर पूरी तरह से सजग दिखाई पड रही है वहीं जिले के आलाधिकारियों के नाक के नीचे ही एक बड़े गैंग ने बच्चों के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ कर डाला। यहां छात्र तो असली है मगर शिक्षण संस्थान फर्जी सालों से अपना खेल करता आ रहा है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी संरक्षण देते रहे। अब फर्जी संस्थान के संचालक करोड़ों रुपए छात्रों का लेकर फरार हो गया है। छात्रों ने आज डीएम कार्यालय का घेराव किया तब प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुली और जांच टीम बना दी गई।

आपको बता दें कि मामला वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के सरदार पटेल हॉस्पिटल व पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट हरदिया चौराहे पास का है जहां खूबसूरत सी एक बिल्डिंग है, बच्चो के रहने के लिए हॉस्टल है, लग्जरी ऑफिस है, क्लास रूम है, टीचर भी है और डिग्री भी दी जाती है,नटवरलालों के गैंग ने सैंकड़ो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ही नही किया बल्कि समय भी बरबाद किया जिसकी भरपाई असंभव है,बच्चो को मेडिकल कोर्स के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने करोड़ों का चुना लगया और फरार हो गए फर्माशिस्ट बनने का सपना लेकर आए इन बच्चो के सपने अधूरे ही राह गए।

500 से अधिक छात्र छात्राओं ने डीएम को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है,तहरीर में स्टूडेंट्स ने बताया कि 2020-2021 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र में हर्दिया चौराहे के पास स्थित सरदार पटेल हास्पिटल व पैरामेडिकल मेडिकल में दाखिला लिया,आरोप है कि तीन साल पढ़ने के बाद फर्स्ट ईयर और सेंकेंड ईयर की मार्कशीट नहीं दी गई,छात्रावास से निकलने के बाद कुछ महीने के बाद पता चला कि सभी बच्चे अपना पैसा वापस मांगने लगे। तब दाखिला लेने वालों ने टाइम मांगा। इसके बाद बिना पूछे उनका दाखिला आगरा के किसी कॉलेज में करवा दिया,वहां भी फीस नहीं जमा की और वहां से भी बार-बार फोन मेरे पास आने लगा। कहा गया कि फीस जमा करिए नहीं तो आप कहीं भी दो साल दाखिला नहीं ले पाएंगी।

इस पूरे मामले पर डीएम प्रियंका निरंजन कहा कि नर्सिंग कोर्स कर रही कुछ छात्र छात्राएं उनके पास शिकायत लेकर आई थी, उनका आरोप है कि फर्जी कॉलेज खोलकर उन लोगो से ठगी की गई, इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम बना दी गई है, रिपोर्ट आने के बाद संबंधित के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जायेगी। अब सवाल उठता है कि जब कोई इस प्रकार का हॉस्पिटल या पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट खुलता है तो क्या जिम्मेदारो द्वारा उनका वेरिफिकेशन नही किया जाता अगर किया जाता है तो इस तरह का वाक्या कैसे सामने आता है,

फर्जी मेडिकल इंस्टीट्यूट में ठगी का शिकार हुई छात्राओं ने बताया कि पहले हमको कोई जानकारी नही मिली यहाँ कम पैसे में कोर्स कराया जा रहा था इसलिए हमने यहाँ दाखिला ले लिया,अभी हमे दो माह पहले पता चला कि यह इंस्टीट्यूट फर्जी है अगर हम को पहले पता होता तो हम क्यों यहाँ एडमिशन लेते,जब हमारे द्वारा इनरोलमेंट नंबर एडमिशन के प्रूफ के लिए मांगा गया,तो नही दिया गया बल्कि पंजाब,हरियाणा, उडीसा के कॉलेजों है का हवाला दिया गया और जब हम लोगो ने लगातर सवाल किया तो इनके द्वारा बताया गया कि आप का कॉलेज झांसी है,जब वह गए तो वो भी फर्जी निकला,फर्जी इंस्टीट्यूट में परीक्षा भी कराई जाती थी नकल भी कराया जाता था,लेकिन कॉपी कहीं नही जाती थी और ठंडक में उन्ही कापियों को जलाकर ठंड से निजाद पाई जाती थी, इस फर्जीवाड़े में जिले के जिम्मेदार इनका भरपूर सहयोग कर रहे है।

आपको बता दें कि शाम होते ही ये पूरा इंस्टिट्यूट बार मे तबदील हो जाता था,हर जगह दारू की बोतलें और हर कॉलेज के फर्जी मोहर देखने को मिला।

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