Digital Arrest Fraud:ऑनलाइन धोखाधड़ी के जरिए आए दिन लोगों को करोड़ों रुपये की चपत लगाई जा रही है। जिसके चलते साइबर क्राइम एक्सपर्ट्स लगातार लोगों को सावधान रहने की सलाह देते हैं। वहीं, अब देश में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय एक्शन में आ गया है। इसके लिए मंत्रालय ने एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है।
आपको बता दें, यह कमिटी डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच करने वाली संबंधित एजेंसी या पुलिस की जांच की मॉनिटरिंग करेगी। वहीं, डिजिटल अरेस्ट के खिलाफ प्रधानमंत्री ने मन की बात में बोला था और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
क्या होगा समिति का काम?
स्पेशल सेक्रेटरी इंटरनल सिक्योरिटी इस समिति के प्रमुख होंगे। समिति को अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, समिति की निगरानी गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव लगातार करते रहेंगे। आरको बता दें, गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र, जिसे 14सी के नाम से भी जाना जाता है।
साइबर क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़े
इस बार देश के साइबर क्राइम रिकॉर्ड के आंकड़े चौंकाने वाले है। इस साल की शुरुआती कुछ महीनों में ही भारतीयों को डिजिटल अरेस्ट की धोखाधड़ी के जरिए 120.30 करोड़ रुपये की लूट का शिकार बनाया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के अनुसार, डिजिटल अरेस्ट के जरिए धोखाधड़ी काफी ज्यादा बढ़ गई है। इस अपराध को अंजाम देने वाले ज्यादातर क्रिमिनल्स दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, म्यांमार, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में रहते हैं।
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