आगामी राष्ट्रपति के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का भाजपा से है गहरा नाता, जानें कैसे

आगामी राष्ट्रपति के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का भाजपा से है गहरा नाता, जानें कैसे

नई दिल्ली: हाल ही में टीएमसी पार्टी से इस्तीफा देने वाले यसवंत सिन्हा को आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए संयुक्त विपक्ष की ओर से उम्मीदवार चुना गया है। वहीं यसंवत सिन्हा का भाजपा से गहरा नाता है। बता दें कि यसंवत सिन्हा भारतीय जनता पार्टी के सदस्य रह चुके है। दरअसल विपक्ष ने 15 जून को पहली बार बैठक की। टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये बैठक बुलाई थी। इसमें उन्होंने 22 विपक्षी दलों को न्यौता दिया था। सिन्हा विपक्ष की 'सर्वसम्मति' पसंद के रूप में उभरे है, पार्टियों ने मंगलवार को राष्ट्रपति पद पर चर्चा के लिए दूसरे दौर की बातचीत के बाद कहा।

इस बैठक में शरद पवार, एचडी देवेगौड़ा, फारूक अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी के नामों पर चर्चा हुई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का नाम भी प्रस्तावित किया गया था। हालांकि एक के बाद एक पवार, देवेगौड़ा, अब्दुल्ला और गोपाल कृष्ण गांधी ने उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया। इसके बाद आज शरद पवार के घर पर विपक्ष की दूसरी बैठक हुई। इसमें टीएमसी ने फिर से यशवंत सिन्हा का नाम प्रस्तावित किया। जिसपर सभी दलों ने सहमति जता दी।

राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने से पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने टीएमसी से इस्तीफा दे दिया।  इ बाद जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी थी। यशवंत सिन्हा एक भारतीय राजनेता हैं। यशवंत सिन्हा भारत के पूर्व वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह अटल बिहारी वाजपेयी मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री भी रह चुके हैं। यशवंत सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में 1960 में शामिल हुए और अपने 24 साल के कार्यकाल के दौरान कई पदों पर रहे।

इसके अलावा यसवंत सेना विभिन्न बिंदुओं पर, केंद्रीय वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, अन्य के रूप में कार्य किया है। उन्होंने आखिरी बार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में जुलाई 2002 से मई 2004 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। सिन्हा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत मौजूदा भाजपा सरकार के मुखर आलोचक हैं। कई मुद्दों पर मोदी सरकार और भाजपा के साथ उनकी असहमति के कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया, और बाद में, टीएमसी में प्रवेश किया।

सिन्हा ने 1984 में जनता पार्टी के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। वह 1992 से 2018 तक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य भी थे। कहा जाता है कि यसंवत सिन्हा ने भाजपा से नाराज होकर पार्टी से संन्यास लिया था। 2021 में, वे तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए, और उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया था।

 

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