उम्र 15 साल...दुनिया की वो अनोखी मछली जो जीती है उल्टी जिंदगी!

उम्र 15 साल...दुनिया की वो अनोखी मछली जो जीती है उल्टी जिंदगी!

नई दिल्ली:दुनिया में ऐसे-ऐसे जीवों की प्रजातियां मौजूद है जिसके बारे में शायद हम लोगों को पता नहीं है। आज हम एक ऐसी जीव यानी कि एक ऐसी मछली के बारे में बात करेंगे जो सीधा नहीं बल्कि उतरा तैरती है। दरअसल मछली की जब बात आती है तो मन में एक ही कहावत याद आती है मछली जल की रानी है जीवन उसका पानी है। हालांकि कई मछलियों की प्रजातियां ऐसी होती है जो कई सालों तक बिना पानी के जीवित रहती है।

आमतौर पर हम मछली को तैरते देखते है तो उसकी दो पंख होते है जिसकी मदद से वह पानी में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाती है वहीं ऊपर की तरफ यानी पीठ पर एक पंख होता है जो पानी में लहराता रहता है। लेकिन क्या हो जब वो पीठ पर लहराता हुआ पंख नीचे की और लहराता दिखाई दे। आज हम आपको एक ऐसी ही मछली के बारे में बताएँगे जो सीछा नहीं बल्कि ऊलटी होकर तैरती है और तैरती भी ऐसे है मानों ये मछली के पानी में रहने का तरीका सबसे अच्छा है। कैटफिश प्रजाति की ये मछलियां एक्वेरियम में रह लेती हैं और इनकी जिंदगी 15 साल तक हो सकती है। ये 20 इंच तक बड़ी हो जाती हैं।

कैटफिश पानी में रहती है उल्टी      

दरअसल कॉन्गो बेसिन में रहने वाली कैटफिश की प्रजाति कई ऐसी मछलियां हैं जो सीधा ना तैरकर उल्टे तैरती हैं। हालांकि जब यह मछली पानी के अंदर जमीन पर बैठती है तो ऐसा लगता है कि मानो यह मछली मर गई है। अब बात आती है कि ये मछली उल्टी ही क्यों तैरती है। जिसका जवाब एक रिपोर्ट में सामने आया है। रिपोर्ट के अनुसार मछलियां उल्टे होकर इसलिए तैरती हैं जिससे वो अपना भोजन आसानी से जुटा सकें। ये मछलियां पानी में गिरी लकड़ी या पानी के अंदर झूले पेड़ों के तनों के नीचे से अपना खाना लेती हैं। तो तनों के नीचे जाकर अच्छे से खाना खाने के उद्देश्य से ये उल्टे होकर तैरती हैं। इस तरह तैरकर वो बेहद छोटे कीड़ों, लार्वा आदि, को आसानी से पकड़ सकती हैं। वहीं वैज्ञानिकों  की बात करें तो उनका कहना है कि जब कैटफिश पानी के सतह के पास उल्टा तैरती हैं तो उन्हें सतह के पास मौजूद ऑक्सीजन को लेने में आसानी होती है।

मरने के बाद मछलियां उल्टी हो जाती है

बता दें कि मछलियों के शरीर में उनके पेट के पास एक स्विम ब्लैडर होता है जो उन्हें पानी में सीधे तैरने में मदद करता है और उन्हें पानी में गोल घूमने नहीं देता. इस तरह उनका संतुलन बना रहता है. मगर जब वो मर जाती हैं तब स्विम ब्लैडर काम नहीं करता और संतुलन बिगड़ जाता है. इस वजह से मछलियां पानी में मरने के बाद उल्टी हो जाती हैं।

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