Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने लेखपाल की कमी को पूरा करने के लिए अमीनों से लेखपालों का काम लेने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए अमीनों को प्रशिक्षण देकर लेखपालों के कार्य करने के लिए तैयार किया जाना है। इसके बाद दो-दो गांव में एक-एक लेखपाल की तैनाती होगी। राजस्व परिषद ने अमीन संघ के साथ बैठक करके अमीनों से इस व्यवस्था को लेकर चर्चा की है। फिलहाल, कागजों पर अमीनों के पद बने रहेंगे, लेकिन काम लेखपालों वाला करेंगे।
फीलहाल लेखपालों के 30,800 पद स्वीकृत हैं। इसकी तुलना में केवल 23,000 लेखपाल की तैनाती हुई है। गौरतलब है कि प्रदेश में 1.10 लाख गांव हैं। नतीजतन गांवों की संख्या के हिसाब से राजस्व परिषद को कम से कम 50 हजार की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश के 4554 पद है रिक्त
लेखपाल की कमी को पूरा करने के लिए अमीनों से लेखपाल का काम लेने का तरीका राजस्व परिषद ने निकाला है। बता दें कि, प्रदेश भर में अमीनों के 9,049 में से 5000 पद ही भरे हैं, 4049 पदों को भरा जाना बाकी है। लेखपाल व अमीन दोनों ही पद महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार अनुसेवकों के 9,554 पदों में से 5000 हजार पद ही भरे हैं। शेष 4,554 पदों को लेखपाल के पदों से भरने की भी तैयारी राजस्व परिषद की तरफ से की जा रही है। अभी तक एक लेखपाल पर पांच से छह गांव देखने की जिम्मेदारी है।
सीएम योगी ने की थी बैठक
बता दें कि, राजस्व विभाग में लेखपाल व अमीन दोनों ही पद महत्वपूर्ण हैं। अंग्रेजों के शासन के वक्त इन पदों को सृजित किया गया था। अब राजस्व परिषद विभागीय ढांचे के पुनर्गठन की तैयारी में जुटा है। मुख्यमंत्री के साथ हुई समीक्षा बैठक में रिक्त पदों को भरने की योजना पर मंथन किया गया था। राजस्व परिषद की तरफ से रिक्त पदों को जल्द भरने का प्रस्ताव शासन भेजा गया है। फिलहाल अमीनों के साथ एक-एक अनुसेवक की भी तैनाती होती है। इसलिए अमीन अपना पद छोड़ने के लिए राजी नहीं है।
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