CHAITRA NAVRATRI 2023: चैत्र मास की नवरात्रि की धार्मिक मान्यता क्यों है अधिक, जानें

CHAITRA NAVRATRI 2023: चैत्र मास की नवरात्रि की धार्मिक मान्यता क्यों है अधिक, जानें

नई दिल्ली:  हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का बहुत महत्व है। नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। दुर्गा को शक्ति का रूप माना गया है। नवरात्रि का पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास में और दूसरा शरद मास में,चैत्र मास में मनाई जाने वाले नवरात्री को चैत्र नवरात्री और शरद मास में मनाई जाने वाली नवरात्री को शारदीय नवरात्री कहा जाता है। इस पर्व में मां दुर्गा के अलग अलग 9 रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की की पूजा अर्चना की जाती है। इसकी धार्मिक मान्यता भी अधिक है।

पंचाग के अनुसार इस साल में चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू हो चुकी है इस दिन अश्विनी नक्षत्र और विश्कुंभ योग रहेगा। इसी दिन घटस्थापना की जाएगी और इसका समापन 30 को होगा। नवरात्रि के पर्व में नियम और मुहूर्त का विशेष महत्व बताया गया है। ऐसा कहां जाता है कि नियमों को पालन और विधि पूर्वक पूजा करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा मिलती है।

नवरात्रि में पूरे नौ दिनों तक व्रत रखकर लोग मां दुर्गा की पूजा और उपासना करते हैं। कुछ लोग नवरात्रि के पहले और आखिरी दिन व्रत करते हैं तो कुछ लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत करते हैं। इस दौरान दो तरह व्रत रखने की परंपरा है। लोग पूरे नौ दिनों तक फलाहार करते हुए व्रत करते हैं तो कुछ मनोकामना के अनुसार नौ दिनों तक निर्जला व्रत भी रखते हैं।

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