Supreme Court On Amrapali Builder Group Issue :सुप्रीम कोर्ट के बैंकों को दिए निर्देश से 'आम्रपाली' के घर खरीदारों को मिलेगी ये राहत, जानें क्या है मामला?

Supreme Court On Amrapali Builder Group Issue :सुप्रीम कोर्ट के बैंकों को दिए निर्देश से 'आम्रपाली' के घर खरीदारों को मिलेगी ये राहत, जानें क्या है मामला?

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने आज आम्रपाली हाउसिंग मामले की सुनवाई के दौरान घर खरीदने वालों को बड़ी राहत दी है. दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बैंकों को निर्देश दिया है कि वह बायर्स के होम लोन के बैलेंस को रिलीज करे ताकि आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट का काम हो सकें. बता दें कि बैंकों ने बायर्स के होम लोन को एनपीए में डाल रखा है. सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर कहना है कि जिन होम लोन को एनपीए में भी डाला गया है उसे फिर से री स्ट्रक्चर्ड करे और लोन की किश्त आरबीआई के गाइडलाइंस के तहत जारी करे. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई वाली बेंच ने आम्रपाली के रुके हुए प्रोजेक्ट के मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर आदेश पारित किया है. बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 17 जून की तारीख सुनिश्चित की है. बता दें कि इस आदेश के बाद बैंकों को होम लोन को री स्ट्रक्चर करना होगा. 
 
फैसले में कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर जिन लोगों ने खरीदे उनकी स्थिति जस की तस है. आम्रपाली के प्रोजेक्ट में कोई प्रगति नहीं हुई है. कोर्ट का कहना है कि होम बायर्स के लोन का बैंक पुनर्गठन करे और जो बचा हुआ लोन अमाउंट है उसे रिलीज किया जाए. इन पैसों का इस्तेमाल आम्रपाली प्रोजेक्ट के अधूरे काम को पूरा करने में किया जाएगा. आम्रपाली प्रोजेक्ट के काम रुकने के बाद बैंकों ने होम बायर्स के बचे हुए किश्त रिलीज पर रोक लगा दी थी. उसका कहना है कि बैंक और वित्तीय संस्थान कहा है जिन लोन को एनपीए में डाल दिया है उसे भी आरबीआई के गाइडलाइंस के तहत रिलीज करे.
 
भारी ब्याज नहीं ले सकते
 
इस फैसेल से आम्रपाली बिल्डर को भी राहत मिलेगी क्योंकि आदेश के मुताबिक नोएडा अथॉरिटी और ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी अपने बकाया पर भारी ब्याज नहीं ले सकते. अदालत ने कहा कि जो किश्त अदायगी में देरी हुई है उसके ब्याज के तौर पर 8 फीसदी से ज्यादा रकम न लिया जाए .दो दिसंबर 2019 को दिए अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने फ्लैट बायर्स को कहा था कि वह अपनी बकाया राशि 31 जनवरी तक जमा कराए. ज्ञात हो, पिछले साल 23 जुलाई को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया था और कहा था कि आम्रपाली के पेंडिंग प्रोजेक्ट सरकारी कंपनी एनबीसीसी पूरा करेगी. कोर्ट ने आम्रपाली का लीज भी कैंसल कर दिया था.
 
 

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