शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष बने सुखबीर सिंह बादल, क्यों मिली थी धार्मिक सजा?

Sukhbir Singh Badal: शिरोमणि अकाली दल ने सुखबीर सिंह बादल को सर्वसम्मति से फिर अध्यक्ष पद की कमान सौंप दी है। शिरोमणि अकाली दल की नजरें 2027 के विधानसभा चुनावों पर हैं और इस कड़ी में ही सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल ने पार्टी को मजबूत करने का संकल्प लिया है। अहम ये है कि धार्मिक सजा को पूरी करने के बाद ही सुखबीर सिंह बादल को अकाली दल का अध्यक्ष चुना गया है। शनिवार, 12 अप्रैल को अमृतसर के तेजा सिंह समुंद्री हॉल में आयोजित पार्टी के संगठनात्मक चुनाव में सुखबीर सिंह बादल को ये पद सौंपा गया और ये अहम निर्णय पार्टी के प्रतिनिधियों की बैठक में हुआ। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता शामिल रहे। शिरोमणि अकाली दल के मौजूदा कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ है।
क्यों दिया था इस्तीफा?
नवंबर 2024 में अकाल तख्त के निर्देश के बाद अकाली दल के चीफ सुखबीर सिंह बादल ने इस्तीफा दिया था। अहम ये है कि सुखबीर सिंह बादल को 2007 से 2017 तक पार्टी और सरकार के दौरान हुई गलतियों के लिए ‘टांकहिया’ यानी कि धार्मिक दंडित घोषित किया गया था जिसके बाद उन्हें धार्मिक सजा पूरी करनी पड़ी। धार्मिक सजा पूरी करगे के दौरान ही सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने की घटना भी घटी थी। गनीमत ये रही कि इस हमले में उनकी जान बच गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिरोमणि अकाली दल की कार्यकारिणी ने पहले से ही सुखबीर सिंह बादल के नाम पर मुहर लगा ली थी। अध्यक्ष चुने जाने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और पंजाब के लोगों का आभार जताया। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, 'शिरोमणि अकाली दल और हमारा एकमात्र लक्ष्य पंजाब के हितों के साथ ही सिख पंथ को मजबूत करना है। पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी हमारी पूरी तरह नजर है।
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