Ricky Ponting Ravi Shastri On BCCI: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी घुटने की चोट से परेशान हैं। भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री और ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज रिकी पोंटिंग ने बीसीसीआई की मेडिकल टीम की धीमी रिकवरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। दोनों का मानना है कि अगर शमी को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम में शामिल किया गया होता, तो वह मैचों का परिणाम भारत के पक्ष में बदल सकते थे।
मेलबर्न टेस्ट से पहले बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने शमी को उनकी चोट के कारण बाहर कर दिया। उनके घुटने में सूजन के चलते यह निर्णय लिया गया। शमी के अनुभव और उनकी गेंदबाजी को टीम के लिए बेहद अहम बताया गया है।
घरेलू क्रिकेट में वापसी के बावजूद मौका नहीं मिला
चोट से उबरने के बाद शमी ने रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली टी20और विजय हजारे जैसे घरेलू टूर्नामेंटों में शानदार प्रदर्शन किया। इन टूर्नामेंटों में उनके अच्छे प्रदर्शन के बाद यह उम्मीद थी कि वह जल्द ही टेस्ट टीम में वापसी करेंगे। लेकिन मेलबर्न टेस्ट से पहले बीसीसीआई के फैसले ने इन उम्मीदों को तोड़ दिया।
शमी की मौजूदगी टीम के लिए फायदेमंद होती
रवि शास्त्री ने कहा कि शमी की मौजूदगी से टीम को बड़ा फायदा हो सकता था। उन्होंने कहा, "अगर शमी टीम में होते, तो बुमराह को उनकी मदद मिलती। अगर वह तीसरे टेस्ट तक फिट नहीं होते, तो उन्हें वापस भेज दिया जा सकता था।"
रिकी पोंटिंग ने भी यही कहा कि शमी को न खिलाना भारत के लिए नुकसान था। उन्होंने कहा, "शमी का अनुभव और उनकी गेंदबाजी क्षमता मैच का परिणाम बदलने में सक्षम थी। बुमराह और सिराज को उनकी जरूरत थी।"
इंग्लैंड सीरीज में वापसी पर नजरें
फिलहाल मोहम्मद शमी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं और अपनी फिटनेस पर पूरा भरोसा जता रहे हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीरीज में उन्हें मौका मिलता है या नहीं। फरवरी में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए उनकी वापसी से भारतीय टीम का गेंदबाजी विभाग और मजबूत हो सकता है।
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