Ravichandran Ashwin: अश्विन के बयान ने फिर छेड़ी बहस, कहा - हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं...

Ravichandran Ashwin: अश्विन के बयान ने फिर छेड़ी बहस, कहा - हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं...

Ravichandran Ashwin On Hindi: भारतीय क्रिकेट टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5मैचों की टेस्ट सीरीज में 1-3से हार का सामना करना पड़ा। इसके साथ ही टीम इंडिया ने 10साल बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) गंवाई। इसी दौरान भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया। इसके बाद वे गाबा टेस्ट के बाद भारत लौट आए थे।

अश्विन के बयान से सोशल मीडिया पर विवाद

अश्विन अब एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने चेन्नई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा है।" इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर विवाद शुरू हो गया। कई लोग उनके बयान पर अपनी राय दे रहे हैं। कुछ लोग उनका समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे अनावश्यक विवाद मान रहे हैं।

एक यूजर ने लिखा, "अश्विन को ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए।" वहीं, कुछ यूजर्स ने कहा कि भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, इसलिए किसी एक भाषा को सब पर थोपना गलत है।

राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं

अश्विन के बयान पर राजनीतिक दलों ने भी प्रतिक्रिया दी। डीएमके (DMK) ने उनके बयान का समर्थन किया। डीएमके ने कहा, "भारत में विभिन्न राज्य अपनी भाषाएं बोलते हैं, तो हिंदी को राजभाषा कैसे कहा जा सकता है?" वहीं, बीजेपी नेता उमा आनंदन ने कहा, "अश्विन को राष्ट्रीय मुद्दों पर बयान देने से बचना चाहिए।"

हिंदी का दर्जा: राजभाषा, न कि राष्ट्रभाषा

भारत के संविधान में हिंदी को 14सितंबर 1949को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। हालांकि, भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है। संविधान के भाग 17में हिंदी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है। इसी दिन हिंदी दिवस भी मनाया जाता है।

भारत की भाषाई विविधता

भारत एक बहुभाषी देश है। यहां हर राज्य और समुदाय की अपनी अलग भाषा है। इस लिहाज से, भाषा को विवाद का मुद्दा बनाने के बजाय इसे हमारी विविधता और ताकत के रूप में देखना चाहिए।

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