रात अंधियारी कारी, जन्में जब कृष्ण मुरारी,
खुस गयीं तब बेड़ियाँ सारी, जब जन्म लिए बनवारी
नई दिल्ली :पूरे देश में आज जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जा रहा है. वहीं इस साल जन्माष्टमी 11 और 12 अगस्त दोनों ही दिन मनाई जा रही है. गृहस्थ और पारिवारिक लोग मंगलवार को यानी की आज जन्माष्टमी का व्रत रख रहें हैं साथ ही वैष्णव, संत या संन्यासी लोग बुधवार को यानी की कल जन्माष्टमी का ये पावन व्रत रखेंगे. आज का दिन बहुत खास है क्योंकि, आज के दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था.
आपको बता दें कि, आज भगवान श्री कृष्ण की जन्माष्टमी है. वहीं कोरोना काल के चलते इस बार किसी भी त्यौहार में वह रौनक कई खोई सी है जो कि हर बार होती है. जन्माष्टमी से कुछ दिन पहले से ही मंदिर को सजाने का काम शुरू हो जाता है श्री कृष्ण के नए-नए वस्त्र बनते है, साथ ही अनेकों पकवान बनाए जाते है. लेकिन इस बार सब फीका है.
वहीं इस पावन दिन में श्रीकृष्ण के श्रृंगार में सबसे ज्यादा ताजे फूलों का इस्तेमाल करें. श्रीकृष्ण का पीले रंग के वस्त्रों, गोपी चन्दन और चन्दन की सुगंध श्रृंगार करें. लेकिन इस बात का ध्यान जरूर रखें की, श्रीकृष्ण के वस्त्रों से लेकर गहनों तक कुछ भी काला नही होना चाहिए. साथ ही जन्माष्टमी के प्रसाद में पंचामृत जरूर अर्पित करें और उसमें तुलसीजरूर डालें. श्रीकृष्ण का मन पसंद भोग यानी की मेवा, माखन और मिसरी को भोग भी जरूर लगाएं.
आज जन्माष्टनी के पावन अवसर पर नंदगांव, वृंदावन, मथुरा, बरसाना में काफी धूम है. वहां घर-घर में मिठाईयां और अनेकों पकवान बनाएं जा रहे है. मंदिर सजाएं जा रहे है. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से प्रशासन ने वृंदावन के मंदिरों में दर्शन करने जाने पर रोक लगा दी है. जिसके चलते वृंदावन के चंद्रोदय मंदिर की तरफ से आज वृंदावन में वर्चुअल यात्रा का आयोजन किया जाएगा.
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