आजम खान की रिहाई पर मिले शिवपाल यादव, बढ़ सकती है चाचा भतीजे में दूरियां

आजम खान की रिहाई पर मिले शिवपाल यादव, बढ़ सकती है चाचा भतीजे में दूरियां

नई दिल्लीसपा के वरिष्ठ नेता आजम खान आखिरकार 27 महीने बाद जेल से रिहाई हो गए है। आजम के बाहर आते ही यूपी की सियासत में नए समीकरण बन सकते हैं। इसके पीछे 2 बड़ी वजह भी हैं। पहली, शिवपाल का आजम प्रेम और दूसरी, आजम की सपा से नाराजगी। वहीं सपा चीफ अखिलेश यादव ने भी ट्वीट कर आजम की रिहाई का स्वागत किया।लेकिन सीतापुर जेल से बाहर आजम खान के कंधे पर शिवपाल हाथ रखे नजर आए जबकि सपा के बड़े नेता नदारद थे।

ऐसे में सभी की निगाहें कि इस बात पर लगी है कि आजम खान आगे अपनी सियासी पारी सपा के साथ बरकरार रखेंगे या फिर नहीं राजनीतिक राह तलाशेंगे। आज जब आजम जेल से बाहर आए तब शिवपाल यादव भी वहां मौजूद थे। सपा विधायक आशू मलिक भी सीतापुर जेल पहुंचे थे। सियासी गलियारों में उठ रहें इन सवालों का जवाब तो केवल आजम खान दे सकते हैं, लेकिन राजनीति तो संभावनाओं का खेल है।  

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच की जुबानी जंग जगजाहिर है। शिवपाल लगातार आजम से मुलाकात करते रहे हैं। यह भी कहते रहे हैं कि आजम के जेल से बाहर आने के बाद नई रणनीति बनेगी।उधर, आजम खान की अनदेखी से नाराज सपा के तमाम मुस्लिम नेता आजम के बहाने बगावती तेवर अपनाए हैं। अब जब वह बाहर आ चुके हैं, तो संभावना जताई जा रही है कि 2024 लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया सियासी विकल्प बन सकता है।

उत्तर प्रदेश की सियासत में दखल रखने वालों का कहना है कि शिवपाल और आजम की दोस्ती, मुस्लिम नेताओं का अखिलेश पर निशाना साधना और आजम खान के जेल में रहने के दौरान तमाम बड़े नेताओं का उनसे मुलाकात करना। यह सब एक नए गठजोड़ की ओर इशारा कर रहा है।माना जा रहा है कि शिवपाल यादव आजम के साथ मिल कर बाबू सिंह कुशवाहा, दद्दू प्रसाद, चंद्रशेखर समेत तमाम क्षेत्रीय क्षत्रप एक अलग मोर्चा तैयार कर सकते हैं। इसमें आम आदमी पार्टी भी शामिल हो सकती है। इस मोर्चे में समाजवादी खेमे में शामिल दल भी देर सबेर शामिल हो सकते हैं। यह ऐसा मोर्चा होगा जो भाजपा, कांग्रेस, सपा और बसपा से अलग एक नया विकल्प देगा।

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