पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश करने US पहुंचे शशि थरूर, पांडा की टीम भी सऊदी अरब रवाना

पाकिस्तान की साजिशों का पर्दाफाश करने US पहुंचे शशि थरूर,  पांडा की टीम भी सऊदी अरब रवाना

Pakistan Conspiracies Exposed: भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए सभी प्रयास तेज कर दिए हैं। इस कड़ी में, कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राज्य अमेरिका पहुंच चुका है, जबकि भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अगुवाई में एक अन्य दल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा के लिए रवाना हुआ है। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद शुरू हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए उठाया गया है।

अमेरिका में शशि थरूर की अगुवाई
शशि थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका के साथ-साथ गुयाना, पनामा, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा। न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक का दौरा करने के बाद यह दल गुयाना की राजधानी जॉर्जटाउन पहुंचेगा। थरूर ने दिल्ली हवाई अड्डे पर मीडिया से बातचीत में इसे 'शांति और उम्मीद का मिशन' करार दिया। उन्होंने कहा- हमारा उद्देश्य दुनिया को यह बताना है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ चुप नहीं रहेगा। पिछले 40 वर्षों से पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है, और हम इसका जवाब देंगे। इस दल में डॉ. सरफराज अहमद, तेजस्वी सूर्या, मिलिंद देवड़ा, शांभवी, जीएम हरीश बालयोगी, शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कालिता भी शामिल हैं।
 
पांडा की टीम खाड़ी देशों में
दूसरी ओर, बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एक अन्य प्रतिनिधिमंडल खाड़ी देशों में भारत का साथ देने के लिए रवाना हुआ है। इस दल में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, निशिकांत दुबे, फंगनन कोन्याक, रेखा शर्मा, सतनाम संधू, पूर्व मंत्री गुलाम नबी आजाद और पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल हैं। यह दल सबसे पहले बहरीन पहुंचेगा, फिर कुवैत, सऊदी अरब और अल्जीरिया की यात्रा करेगा। ओवैसी ने कहा "पहलगाम घटना ने साबित किया कि पाकिस्तान आतंकवादी शिविरों को समर्थन दे रहा है। हम इन देशों में भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करेंगे।"
कांग्रेस का विवाद
शशि थरूर को इस मिशन का नेतृत्व सौंपे जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी। क्योंकि पार्टी ने उनके नाम की सिफारिश नहीं की थी। जबकि, थरूर ने इसे राष्ट्रीय हित का मामला बताते हुए केंद्र सरकार का आभार जताया। उन्होंने कहा- मैं देश के लिए बोलूंगा, न कि अपनी पार्टी के लिए।
यह कूटनीतिक पहल भारत की उस भावना को दर्शाती है। जो आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समुदाय को एकजुट करने और पाकिस्तान की साजिशों को बेनकाब करने की है। दोनों प्रतिनिधिमंडल अगले 10 दिनों तक विभिन्न देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखेंगे।

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