नई दिल्ली: हर साल दो बार नवरात्रि का उत्सव मनाया जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों को पूजा जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, नवरात्रि का बहुत महत्व होता है। वहीं इस साल के शारदीय नवरात्रि इसी महीने से शुरू होने जा रहे है। यानी कि 26सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरूआत होने जा रही है। वहीं 3अक्टूबर को अष्टमी मनाई जाएंगी। जो सोमवार को पड़ रहा है। साथ ही 4अक्टूबर को नवमी मनाई जाएंगी।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शारदीय नवरात्रि को विशेष महत्व होता है। नवरात्रि नौ दिनों तक मनाया जाता है। इन नौ दिनों में शादीशुदा और कुंवारी कन्याएं व्रत करती है। और अपने मनोकामना माता रानी के सामने रखती है। ऐसा माना जात है कि इन नौ दिनों में माता रानी से जो भी सच्चे मन से मांगा जाएं तो उनकी मनोकामना पूरी होती है। वहीं इन नौ दिनों में व्रत के दौरान सात्विक भोजन किया जाता है। दरअसल जिन महिलाओं और कन्याओं ने व्रत रखा होता है वो सुबह नहाकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है। हालांकि हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है और मां को प्रसन्न करने की कोशिश की जाती है। इन नौ दिनों में व्रत रखने वाली महिलाएं और कन्याएं फल, सब्जियां, कुट्टू आटा, साबूदाना और सेंधा नमक आदि का सेवन करते है। वहीं घर में रह रहे लोगों को भी सात्विक भोजन किया जाता है।
मां दुर्गा की पूजा विधि
नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा के लिए सबसे जरूरी है कि मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर होनी चाहिए। आप चाहे तो ऐसी तस्वीर ले सकते हैं कि जिसमें मां दुर्गा के पूरे नौ स्वरूप बने हो। इसके अलावा फूल, फूल माला, आम के पत्ते, चौकी में बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा, बंदनवार, सिंदूर, सोलह श्रृंगार (बिंदी, चूड़ी, तेल, कंघी, शीशा आदि), पान, सुपारी, लौंग, बताशा, हल्दी की गांठ, थोड़ी पिसी हुई हल्दी, आसन, चौकी, मौली, रोली, कमलगट्टा, शहद, शक्कर, पंचमेवा, गंगाजल, नैवेध, जावित्री,नारियल जटा वाला, सूखा नारियल, नवग्रह पूजन के लिए सभी रंग या फिर चावलों को रंग लें, दूध, वस्त्र, दही, पूजा की थाली, दीपक, घी, अगरबत्ती आदि की व्यवस्था पहले से ही कर लें।
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