शहीद भगत सिंह की जयंती आज

शहीद भगत सिंह की जयंती आज

हमारा देश महान स्त्रियों और पुरुषों का देश है। जिन्होंने देश के लिए ऐसे आदर्श कार्य किए हैं, जिन्हें भारतवासी सदैव याद रखेंगे।

कई महापुरुषों ने हमारी आजादी की लड़ाई में अपना तन-मन-धन सब कुछ त्याग कर देश के हित के लिए जीवन अर्पण किया। ऐसे ही महापुरुषों में से एक थे शहीद भगत सिंह जिनकी 112वीं जयंती पूरा देश बड़ी धूमधाम से मना रहा है।

"क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है।

स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है।

श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है.."

ये अनमोल विचार शहीद भगत सिंह के हैं, जिनके लिए पूरा देश आदर भाव रखता है। भगत सिंह देश के सबसे बड़े क्रांतिकारियों में से एक हैं। वैसे तो उनकी जिंदगी ही हमारे लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। परंतु उनकी कही गई बातें। हमारे जीवन को एक बेहतर दिशा में ले जाने का कार्य करती हैं। उनका हर एक विचार जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है।

देश के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी भगत सिंह का जन्मभ 28 सितंबर, 1907 को हुआ था। सिर्फ 23 वर्ष की उम्र में देश के लिए फांसी पर झूलने वाले भगत सिंह ने युवाओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा। 28 सितंबर, 2018 को भगत सिंह की 111वीं जयंती है। 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्यात की साजिश रचने के आरोप में फांसी दे दी गई थी। आइए जानते हैं शहीद भगत सिंह के कुछ अनमोल विचार जो आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। ब्रिटिश राज के खिलाफ बचपन से ही इन्होंने अध्ययन किया और क्रांतिकारी विचारों से प्रेरित हुए

भगत सिंह वास्तव में एक सच्चे देशभक्त थे। ना केवल उन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी बल्कि इस घटना में अपनी जान देने के लिए भी पीछे नहीं हटे। उनकी मृत्यु ने पूरे देश में उच्च देशभक्ति की भावनाएं पैदा कीं। उनके अनुयायी उन्हें शहीद मानते थे। हम आज भी उन्हें शहीद भगत सिंह के रूप में याद करते हैं

उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की। बाद में वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन में शामिल हो गए जहां वह सुखदेव, राजगुरू और चंद्रशेखर आज़ाद जैसे कई प्रमुख क्रांतिकारियों के संपर्क में आए।

 “किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।”

देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं, और देशभक्ति करने के लिए एक प्रेमी, पागल और कवि जैसा बनना 

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