हरिद्वार: शिव भक्तों का सावन के महीने का इंतजार जल्द खत्म होने जा रहा है। बता दें कि सावन का महीना 14 जुलाई 2022 से शुरू होने जा रहा है। यानी सावन के महीने की शुरूआत तीन दिन के बाद हो जाएगी। शिव भक्तों को इस महीने का खास इंतजार रहता है। वहीं हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन का महीना हिन्दू वर्ष का पांचवा महीना है और इस महीने को हिंदू धर्म में काफी पवित्र माना जाता है। इस सावन महीने में शिव भक्त अपने भगवान शिव को मनाने में लग जाते है। कहा जाता है कि सावन में शिव अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएँ पूरे करते है।
इस दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है। महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। वहीं, कुंवारी लड़कियां भी इस महीने में अच्छे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इसके अलावा सावन के महीने में शिव भक्त कांवड़ यात्रा निकालते है। कांवड़ यात्रा के लिए शिव भक्त पवित्र गंगा नदी से जल भरकर लाते हैं और भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। माना जाता है कि इससे भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करते हैं।
माना जाता है कि सबले पहले श्रवण कुमार ने त्रेता युग में कांवड़ यात्रा की शुरुआत की थी। अपने दृष्टिहीन माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराते समय जब वह हिमाचल के ऊना में थे तब उनसे उनके माता-पिता ने हरिद्वार में गंगा स्नान करने की इच्छा के बारे में बताया। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए श्रवण कुमार ने उन्हें कांवड़ में बैठाया और हरिद्वार लाकर गंगा स्नान कराए। वहां से वह अपने साथ गंगाजल भी लाए। माना जाता है तभी से कांवड़ यात्रा की शुरुआत हुई।
वहीं, यह भी माना जाता है कि कांवड यात्रा की शुरुआत समुद्र मंथन के समय हुई थी। मंथन से निकले विष को पीने की वजह से शिव जी का कंठ नीला पड़ गया था और तब से वह नीलकंठ कहलाए। इसी के साथ विष का बुरा असर भी शिव पर पड़ा। विष के प्रभाव को दूर करने के लिए शिवभक्त रावणव ने तप किया। इसके बाद दशानन कांवड़ में जल भरकर लाया और पुरा महादेव में शिवजी का जलाभिषेक किया। इसके बाद शिव जी विष के प्रभाव से मुक्त हुए।
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