जयपुर: राजस्थान की सियासी नूराकुश्ती खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद आज गहलोत को झटका लगा और पायलट गुट को राहत मिली है. कोर्ट ने स्पीकर के नोटिस पर स्टे लगा दिया है. जिसके बाद पायलट गुट को बड़ी राहत मिली है. कोर्ट का फैसला आने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने राजभवन की ओर कूच किया था. सीएम अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा. जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा सत्र को बुलाने से मना कर दिया. राज्यपाल के विधानसभा सत्र बुलाने से मना करने पर कांग्रेस विधायक बाहर धरने पर बैठ गए.
वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस वार्ता करते हुए इसे सीएम अशोक गहलोत का नाटक बताया. सतीश पूनिया ने कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने जिस तरह से सचिन पायलट के बारे में भाषा इस्तेमाल किया गया है. सीएम गहलोत को ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. किसी भी राज्य के सीएम ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं करते है. राज्यपाल भवन में चल रहे कांग्रेस के विधायकों के धरने को नाटक बताया.
राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का कहना है कि कांग्रेस राज्यपाल पर दबाव बना रही है. सीएम गहलोत सत्ता का दुरूप्रयोग करने में लगे है. बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने भी पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजस्थान को पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ना चाहिए. राजस्थान की पुलिस गहलोत के इसारे पर काम कर रही है. केंद्र कोCRPF को लेकर लाना चाहिए. बीजेपी ने साथ ही सीएम गहलोत को सीएम पद की गरिमा समझने की हिदायत दी. दूसरी ओर, कांग्रेस कल पूरे राज्य में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेगी.
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