वाराणसी के मंदिरों से हटाई जा रहीं साईं बाबा की मूर्ति, क्या है इसकी वजह?

वाराणसी के मंदिरों से हटाई जा रहीं साईं बाबा की मूर्ति, क्या है इसकी वजह?

Varanasi Temple: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मंदिरों से साईं प्रतिमा हटाने का मामला सामने आया है। सबसे पहले काशी के बड़ा गणेश मंदिर से साईं मूर्ति को हटाया गया। जिसके बाद पुरुषोत्तम मंदिर से भी साईं बाबा की मूर्ति को हटा दिया गया है। इस मामले में सनातन रक्षक दल की ओर से कार्रवाई की जा रही है।

सनातन रक्षक दल ने क्या कहा?

सनातन रक्षक दल के सदस्य अजय शर्मा ने कहा कि मैं साईं का विरोधी नहीं हूं। मैं साईं की मूर्ति का विसर्जन कर रहा हूं। लेकिन गणेश मंदिर में साईं का क्या काम है? अगर साईं की पूजा ही करनी है तो अलग मंदिर बनाकर उनकी पूजा कराई जाए। इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी। उनका कहना है कि अभी तक अज्ञानतवश पूजा कर रहे थे। इसीलिए पूरे सम्मान के साथ मंदिर प्रबंधन से अनुमति के बाद साईं बाबा की मूर्ति को हटाया जा रहा है।

मंदिरों से हटाई गई मूर्ति

कल यानी सोमवार को वाराणसी के सबसे प्रमुख बड़ा गणेश मंदिर से साईं की प्रतिमा हटाई गई। मंदिर के महंत रम्मू गुरु ने कहा कि जानकारी के अभाव में साईं की पूजा हो रही थी। शास्त्रों के अनुसार, इनकी पूजा वर्जित है। जानकारी होने के बाद स्वेच्छा से प्रतिमा हटवा दी गई। इसके अलावा पुरुषोत्तम मंदिर समेत कई मंदिरों से मूर्ति हटाकर सफेद चादर में लपेट दिया गया है। वहीं, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी ने कहा कि शास्त्रों में कहीं भी साईं की पूजा का वर्णन नहीं है। इसलिए अब मंदिर में स्थापित मूर्ति हटाई जा रही है।

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने किया विरोध

इस अभियान की शुरुआत शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने की थी। उन्होंने साईं बाबा की पूजा का विरोध किया है। इसके बाद बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने भी साईं पूजा का विरोध किया था। उन्होंने मैं साईं का विरोधी नहीं हूं। महात्मा के रूप में बाबा पूजे जा सकते हैं, लेकिन परमात्मा के रूप में नहीं।   

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