भारतीय रिजर्व बैंक ने लिया बड़ा फैसला, थम जाएगी रुपये में गिरावट!

भारतीय रिजर्व बैंक ने लिया बड़ा फैसला, थम जाएगी रुपये में गिरावट!

RBI Decision: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला रुपये में गिरावट को कम कर सकता है और उसे ऊपर ला सकता है। ये कदम ऐसे वक्त में लिया गया है जब रुपये 90 के ऊपर चला गया था। हालांकि, अभी तक इसमें कुछ तेजी आई। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को अपने MPC बैठक में लिए गए फैसले के बारे में जानकारी दी। इसमें 25 आधार अंकों की ब्याज दर में कटौती करने का भी ऐलान किया गया, लेकिन इसके साथ ही लिक्विडिटी बढ़ाने पर भी फैसला लिया।

RBI ने दिसंबर में 1 लाख करोड़ रुपये की ओपेन मार्केट में खरीदारी और 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की अदला-बदली का भी ऐलान किया। आरबीआई ने यह फैसला इसलिए लिया ताकि भावनाओं को स्थिर और अस्थिरता को कम किया जा सके, लेकिन इसने एक स्वाभाविक सवाल खड़ा कर दिया। क्या लिक्विडिटी सपोर्ट वास्तव में करेंसी की गिरावट को रोक सकता है?

लिक्विडिटी संकट होगा कम

ओपेन मार्केट से की जाने वाली इन दो बड़ी खरीदों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम में कैश की क्वालिटी बढ़ाना है। जब आरबीआई सरकारी बॉन्ड खरीदता है, तो वह बैंकों को एडवांस पेमेंट करता है और सीधे सिस्टम में पैसा डालता है। इससे करेंसी मार्केट में दरें आसान हो जाती है और किसी भी तरह की लिक्विडिटी संकट कम हो जाती है।

लिक्विडिटी की कमी अक्सर रुपये पर दबाव बढ़ा देती है, क्योंकि विदेशी निवेशक शॉर्ट टर्म फंडिंग की स्थिति में सतर्क हो जाते हैं। 1 लाख करोड़ रुपये का ओएमओ RBI का ये संकेत देने का तरीका है कि फंडिंग का मार्केट सही तरह से चलता रहे।

क्या है इस फैसले का उद्देश्य?

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रिसर्जेंट इंडिया के ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि OMO और स्वैप मिलकर जीडीपी वृद्धि के संशोधित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जरूरत तरलता प्रदान करेंगे और महंगाई या करेंसी की चाल पर चिंता के बजाय 'पॉजिटिव और आशा' से प्रेरित नजरिए को उभारेंगे। 

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