प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध करनी वाली NRI सोसायटी को हुआ पछतावा, बताया क्या हैं सच?

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा का विरोध करनी वाली NRI सोसायटी को हुआ पछतावा, बताया क्या हैं सच?

Premanand Maharaj Padyatra Controversy: वृंदावन के प्रेमानंद महाराज को सुनने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। उनसे अपनी परेशानी शेयर करते हैं। लोगों की समस्या सुन महाराज जी उन्हें रास्ता भी दिखाते हैं। लेकिन इन दिनों प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा विवाद का कारण बनी हुई है। उनकी पदयात्रा पर NRI सोसायटी के लोगों ने विरोध जताया। लोगों का कहना था कि आधी रात तेज म्यूजिक और आतिशबाजी से बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी होती है। इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने अपनी पदयात्रा का रास्‍ता ही बदल ल‍िया था। लेकिन अब विरोध को लेकर NRI सोसायटी के अध्यक्ष ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि आखिर क‍िसके बहकावे में आकर सोसायटी ने उनका विरोध किया?

प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा पर विवाद 

कुछ दिनों से प्रेमानंद महाराज को उनकी पदयात्रा के काऱण NRI सोसायटी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब सोसायटी के अध्यक्ष ने विरोध करने का असली मकसद बताया हैं? सोसायटी के अध्यक्ष का कहना है कि उनकी यात्रा    के दौरान एक शख्‍स ने पटाखे सोसायटी के चबूतरे पर चला द‍िए थे। ज‍िसके बाद बहुत ज्यादा शोर हो गया। सोसायटी के अध्यक्ष ने बताया कि उनका व‍िरोध करने वाले आज खुद पछता रहे हैं। सोसायटी के अध्‍यक्ष ने आगे बताया कि कुछ यूट्यूबरो ने फेमस होने के ल‍िए उन्‍हें भड़काया। उन्हें कहा कि आप कैमरे पर ये सब बोल दो।

इसपर प्रेमानंद महाराज ने कहा कि जो मेरा व‍िरोध कर रहे है, उन्हें मेरा प्रणाम कह‍िए और उन्हें बताइए कि हम क‍िसी का बुरा नहीं चाह‍ते। हम किसी के विरोधी नहीं है, हमारा काम सबको सुख पहुंचाना है। इसलिए जब हमें पता चला कि हमारी पदयात्रा से किसी को कोई परेशानी हुई, तो हमने अपना रास्ता ही बदल लिया।

कौन हैं प्रेमानंद महाराज?

प्रेमानंद महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है। वह एक प्रसिद्ध संत और आध्यात्मिक गुरु हैं। उनका जन्म 1972 में उत्तर प्रदेश के कानपुर के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। लेकिन सिर्फ 13 साल आयु में उन्होंने अपना घर छोड़कर संन्यासी जीवन को अपना लिया।

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