महाकुंभ में रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए होगा महायज्ञ, इस कार्य के लिए जापान से विशेष रूप से आ रहा है प्रतिनिधिमंडल

महाकुंभ में रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए होगा महायज्ञ, इस कार्य के लिए जापान से विशेष रूप से आ रहा है प्रतिनिधिमंडल

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के आयोजन की चर्चा सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है। देश-विदेश से लाखों-करोड़ों लोग महाकुंभ में पहुंच रहे हैं। इसी बीच, जापान से महामंडलेश्वर योग माता कैलादेवी (पूर्व नाम कैको आइकावा) के करीब 150 जापानी शिष्य 26 जनवरी को महाकुंभ में आकर गंगा में डुबकी लगाएंगे। यहां रूस और यूक्रेन के यु्द्ध रोकने के लिए महायज्ञ किया जाएगा।

बता दें, पिछले 3साल से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इस बीच, कई बार युद्ध को विराम देने की कोशिशें की गई, लेकिन सारी कोशिशें नाकाम रही। अब जापान से 150प्रतिनिधियों का एक दल महाकुंभ पहुंच रहा है। यहां यु्द्ध रोकने और पूरी दुनिया में अमन-शांति की बहाली के लिए महायज्ञ करेंगे।

150सदस्यों का प्रतिनिधि दल करेगा महायज्ञ

बता दें, जापान मूल की कैको आइकावा को कैलादेवी नाम जूना अखाड़ा ने दिया था। वह ब्रह्मलीन पायलट बाबा की गुरु बहन हैं। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर शैलेशानंद गिरि महाराज का कहना है कि योग माता कैलादेवी (पूर्व नाम कैको आइकावा) के करीब 150 जापानी लोगों का प्रतिनिधिमंडल महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंच रहा है। ये सभी सदस्य माता जी के सानिध्य में योग साधना करेंगे।

इसी के साथ पिछले 3 साल से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए महायज्ञ किया जाएगा। ये प्रतिनिधिमंडल 26 जनवरी को को पायलट बाबा शिविर में पहुंचेंगे। इसलिए यहां इनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था भी अखाड़े की ओर से हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार, इन सभी के लिए शुद्ध वैष्णव खाना बनाया जाएगा।

कौन हैं योग माता कैलादेवी?

बताया जा रहा है कि योग माता कैकादेवी जापान में योग साधना शिविर चलाती हैं। जापान में उनके 50 से ज्यादा योग केंद्र है। 70 के दशक में उन्होंने भारत की कई बार यात्राएं कीं। इसी दौरान वह योग समाधि देख काफी प्रभावित हुई थीं। जिसके बाद उन्होंने हरि बाबा से दीक्षा और समाधि ली और उन्हें कैलादेवी नाम जूना अखाड़ा की ओर से दिया गया।

Leave a comment