नई दिल्ली : हरियाणा में अगर आप जमीन की रजिस्ट्री करवाना चाहते हैं. तो ये खबर आपके काफी काम आ सकती है. हरियाणा में जमीन की रजिस्ट्री करवानी महंगी हो गई है. वहीं हेराफेरी को रोकने के लिए सरकार द्वारा लागू किए गए नए साफ्टवेयर में डेवलपमेंट चार्ज अदा करने के बाद ही रजिस्ट्री हो पाएगी. 120 रुपये प्रति स्कवेयर यार्ड का भुगतान के बाद ही साफ्टवेयर शहर की 26 कालोनियां व लाल डोरे में ही रजिस्ट्री कर रहा है.
आपको बता दें कि, सबसे ज्यादा परेशानी तो पुराने मकान बेचने की स्थिति में डेवलपमेंट चार्ज मांगा जा रहा है. वहीं नए सोफ्टवेयर में एक समस्या ये आ रही है कि, दस किमी के एरिया को साफ्टवेयर अर्बन एरिया मानता है. जबकि ये शहर से बाहर का कंट्रोल एरिया है. साथ ही अर्बन एरिया दिखाकर 2फीसद स्टांप डयूटी मांगी गई है. इस साफ्टवेयर में जमीन पर ऋण लेने या जीपीए से रकबा बेचने में भी परेशानी आ रही है. इंडस्ट्रीयल एरिया और ए से एफ ब्लॉक की रजिस्ट्रियां नहीं हो रही है.
वहीं सोफ्टवेयर में हर दिन नई नई परेशानी आने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सॉफ्टवेयर में बार बार ऑब्जेक्शन लग जाता है. कभी खेवट नंबर नहीं मिलता तो कभी खसरा नंबर. तकसीम, मुस्तर्के खातों में भी परेशानी आ रही है. रजिस्ट्री करवाने वालों को दिक्कतें आ रही हैं, ऑनलाइन रिकार्ड मिलान नही हो रहा है.
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