Rajasthan: देशी अंदाज में विदेशी दुल्हन, हिन्दू रीति रिवाज से की शादी

Rajasthan: देशी अंदाज में विदेशी दुल्हन, हिन्दू रीति रिवाज से की शादी

झुंझुनू: राजस्थान के झुंझुनू मेंजर्मनी की रहने वाली डा.  स्वेनिका ने पिलानी निवासी कृष्ण कुमार बिश्नोलिया से हिन्दू रीति रिवाज से शादी की है। देसी अंदाज में सजी संवरी विदेशी दुल्हन स्वेनिका ने मारवाड़ी युवक कृष्ण के साथ साथ फेरे लेकर शादी की अन्य रस्में निभाई। पिलानी कस्बा के रहने वाले पृथ्वी एस बिश्नोलिया का बेटा कृष्ण कुमार पिछले सात सालों से जर्मनी के लुगबेग में इवोटेक इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत है। दोनों ने कुछ दिन पहले जर्मनी में कोर्ट मैरिज कर ली।

स्वेनिका और कृष्ण ने तय किया कि वे भारतीय परम्पराओं, रश्मों  तथा हिन्दू रीति रिवाजों से शादी करें। इस सम्बन्ध में डॉ. स्वेनिका ने अपने परिवार से चर्चा की। उनकी इजाजत मिलने के बाद पिलानी में शादी करना तय कर लिया। स्वेनिका अपने भाई जोनस, भाभी रकेल व अन्य के साथ शादी करने पिलानी आई। स्वेनिका के भाई भाभी ने कन्यादान कर शादी की परम्परा को निभाया। स्वेनिका वर्तमान में जर्मनी में डॉक्टर है। वह प्रैक्टिस कर रही है। कृष्ण वैज्ञानिक है। वर्तमान में कृष्ण डायबिटीज पर रिसर्च कर रहे हैं।

कृष्ण कुमार बिश्नोलिया जर्मनी इवोटेक कंपनी में वैज्ञानिक है। कृष्ण कुमार ने सात साल से जर्मनी में ही रहकर रिसर्च कर रहे हैं। कृष्ण कुमार ने बताया कि वह मेडिकल में रिसर्च कर रहे हैं। स्वेनिका डाक्टर है। वह उनके इंस्टीट्यूट में छह माह की इंटर्नशिप के लिए आई हुई थी। कृष्ण बताते है कि यह 2018 की बात है। उस वक्त स्वेनिका से मुलाकात हुई थी। वह डॉक्टर की इंटर्नशिप कर रही थी। वहीं पर कृष्ण हार्ट डिजीज पर रिसर्च कर रहे थे। कृष्ण स्वेनिका को लेक्चर देते थे। धीरे धीरे मुलाकात बढ़ने लगी। स्वेनिका ने अपने कृष्ण को अपने परिवार से मिलवा दिया। फिर शादी का फैसला कर लिया।

कृष्ण ने बताया कि दोनों फैसला कर लिया था कि शादी करेंगे। ये बात परिवार वालों को बताना बहुत मुश्किल था। इसके बाद कृष्ण ने डा. स्वेनिका को लेकर भारत आ गए। परिजनों से मिलवाया। कृष्ण बताया कि उसने अपने माता पिता और परिवार के लोगों को बताया कि आपको बहू तो लानी है। ऐसे में स्वेनिका आ जाए तो क्या दिक्कत। ये आपकी इज्जत करेगी। अपनी संस्कृति के अनुसार रहने को तैयार है। परिजनों को समझाया गया। काफी प्रयास के बाद परिजन मान गए।

इसके बाद तीन साल में स्वेनिका दो बार भारत आई। स्वेनिका ने दिल्ली में एम्स में इंटर्नशिप की, इस दौरान वह छह माह तक भारत में रही। इस दौरान उनके घर पिलानी भी आना जाना रहा। इस दौरान वह परिवार वालों से काफी घुल मिल गई थी।

 

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