Railway On Migrant Labourers:तीन लाख प्रतिदिन के हिसाब से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया, सिर्फ 71 ट्रेनें डायवर्ट हुईं : रेलवे

Railway On Migrant Labourers:तीन लाख प्रतिदिन के हिसाब से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य पहुंचाया, सिर्फ 71 ट्रेनें डायवर्ट हुईं : रेलवे

नई दिल्ली: कोरोना वायरस से इस समय दुनिया के साथ भारत भी जूझ रहा है. हालांकि भारत में इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से लगातार लाॅकडाउन को हथियार बनाकर इस पर विजय पाने की कोशिश की गई. सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन का ऐलान किया था. जिसके बाद देश में सभी लोग घरों में कैद हो गए थे. सारी यातायात सुविधाएं भी स्थगित कर दी गई थीं. हालांकि बाद में रेलवे ने कुछ स्पेशल ट्रेनें चलाईं ताकि लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे लोग अपने घरों तक पहुंच सकें. इस बीच कुछ रेलें रूट बदलते हुए गंतव्य से कहीं और पहुंच गई थीं जिस पर रेलवे की किरकिरी हुई थी. अब रेलवे की ओर से कहा गया है कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलनी शुरू हुई थीं. श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ये ट्रेन चला रही है. अब तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल चुकी हैं. इस समय असम में भूस्खलन के कारण 12 घंटे ट्रेन रोकना पड़ीं. 3500 ट्रेनें सामान्य एक्सप्रेस ट्रेन से ज्यादा स्पीड से पहुंचीं. केवल 10 प्रतिशत ट्रेनें ही ऐसी थी जो तीन से चार घंटे देरी से पहुंची.
 
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 1 मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलनी शुरू हुई थीं. श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाने के लिए रेलवे ये ट्रेन चला रही है. अब तक 3840 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल चुकी हैं. और करीब 52 लाख यात्री यात्रा कर चुके हैं. पिछले एक हफ्ते का औसत देखें तो 1524 श्रमिक स्पेशल ट्रेन और करीब 20 लाख पैसेंजरों ने यात्रा की है. यादव ने कहा कि पिछले सप्ताह ही हमने 3 लाख प्रतिदिन के हिसाब से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्य तक पहुंचाया. उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य से जो भी डिमांड आ रही है उस हिसाब ट्रेनें हम दे रहे हैं. यादव ने कहा कि कल 137 ट्रेनें चली हैं. और बुधवार को 172 ट्रेनें चली हैं. इस दौरान रेलवे ने 279 ट्रेनें चलाई हैं. पिछले दो दिनों से ये संख्या घट रही है. 
 
कोरोना संकट और लाॅकडाउन 4.0 के बीच रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि श्रमिक जहां भी हैं वो वहां धैर्य से रहें. जैसे ही राज्य हमें अपनी और जरूरते देगी हम उसी दिन ट्रेन शेड्यूल कर देंगे और अगले दिन वह ट्रेन चला देंगे. ट्रेनों के डायवर्ट होने के मुद्दे पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि सिर्फ 71 ट्रेनें डायवर्ट हुईं. 1 से 19 मई के बीच कोई भी ट्रेन डायवर्ट नहीं हुई. 25 से 28 मई के बीच भी ऐसा हुआ. उन्होंने कहा कि 20 से 24 मई के बीच कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट हुआ. 3840 ट्रेनों में से सिर्फ 71 ट्रेनें यानी 1.8 फीसदी ट्रेनें ही डायवर्ट हुई हैं. ऐसा कुछ रूटों पर व्यस्तता बढ़ने के कारण हुआ. उन्होंने कहा कि रेलवे के 12 लाख मजदूर भाई-बहन, मजदूरों को घर तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. सिर्फ 4 ट्रेनों ने 72 घंटे से ज्यादा समय लिया है. 
 

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