Rahul Gandhi New Claim: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित लेख को लेकर ताजा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। राहुल गांधी ने लेख में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और भारतीय राजघरानों के रिश्तों पर टिप्पणी की है। उनका कहना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी का प्रभाव अब खत्म हो चुका है, लेकिन उसने जो डर और एकाधिकारवाद फैलाया था, वह आज भी भारतीय समाज में मौजूद है।
व्यवसायियों पर दबाव बनाने का आरोप
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच X पर दावा किया कि उनके लेख के बाद कई व्यवसायी उन्हें बताने आए हैं कि एक वरिष्ठ मंत्री उन्हें फोन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के बारे में सोशल मीडिया पर सकारात्मक बयान देने के लिए दबाव बना रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि वह नौकरियों, व्यवसाय और प्रतिस्पर्धा के समर्थक हैं, और एकाधिकारवाद के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था तभी मजबूत हो सकती है जब सभी व्यवसायों के लिए एक स्वतंत्र और निष्पक्ष वातावरण हो।
ईस्ट इंडिया कंपनी का भी किया जिक्र
राहुल गांधी ने अपने लेख में ऐतिहासिक संदर्भ देते हुए कहा कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय राजघरानों से मिलीभगत करके अपना व्यापार फैलाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने राजघरानों को डराकर और रिश्वत देकर भारत में अपनी पकड़ मजबूत की थी, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका नियंत्रण बढ़ा था।
राजनीतिक विवाद का नया मोड़
राहुल गांधी के आरोपों ने भारतीय राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रतिस्पर्धा की कमी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि एकाधिकारवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है, ताकि देश की अर्थव्यवस्था स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से विकसित हो सके।
राहुल गांधी के इस लेख और आरोपों ने राजनीतिक और व्यापारिक हलकों में हलचल मचा दी है। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या आज भी भारत में वही दबाव और डर मौजूद हैं, जो ब्रिटिश राज के समय हुआ करते थे।
Leave a comment