Punjab: दुनिया का सबसे पहला बाग जहां पर मिलती है गुरु ग्रन्थ साहिब की तुको की झलक

Punjab: दुनिया का सबसे पहला बाग जहां पर मिलती है गुरु ग्रन्थ साहिब की तुको की झलक

मोगा:  पंजाब के मोगा से करीब 40 किलोमीटर दूर  गांव पत्तो हीरा सिंह में बने चार पातशाही की चरण छोह प्रापतधरती पर गुरद्वारा गुर सर साहिब के साथ में बनाया गया श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की वाणी और पर्यावरण के सुमेल के रूप में श्री गुरु ग्रंथ साहिब बाग विकसित किया जा रहा है यह वो स्थान है.जहाँ पर श्री गुरुनानक देव जी गुरु हरगोबिंद साहिब जीश्री गुरु हरिराय जी और दसवीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की चरण छू प्रापत धरती है.

करीब 3000 पेड़ पौधे लगाए गए है जिनमे 57 पेड़ पौधे ऐसे है जिनका श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में विस्तार से विख्यान किया गया है.जिसका उद्धघाटन 20 स्टिम्बर को पर्यावरण प्रेमी ओर बुद्धि जीवो दुवारा किया जा रहा है.यह बाग 2012 में यहां के सेवादारों दुवारा इक्को सिख संस्था के सहयोग से बनाया जा रहा है.इस धरती पर 2012 से पहले एक विशाल छपड था और इस छपड का गंदा पानी भी गुरद्वारा साहिब के रास्ते में काफी विघ्न डालता था और वही अगर बरसात होती थी तो यह छपड काफी परेशानी में डालता था.

करीब 8 से 10 एकड़ की जमीन पर अब दुनिया का पहला ऐसा बाग बनाया जा रहा है.जिसमेंश्री गुरु ग्रन्थ की बानी में लिखे 57 ऐसे पेड़ लगाए है.जिनका वर्णन उसमे किया गया है वही इस के साथ जो श्री गुरद्वारा साहिब में सरोवर बना है.उसका पानी जो निकलता है उसको अलग से इकठा करके एक झील बनाई जा रही   है.जो आने वाले समय में पृकृति का ओर सन्दर्यपन दिखाएगी इस बाग को 20 स्टिम्बर को जनता के हवाले किया जाएगा.

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