Donald Trump on Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने बयानों को लेकर काफी चर्चा में रहते हैं। खास कर पिछले एक हफ्ते में भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में ट्रंप बेबाकी से बोलते नजर आए। उन्होंने भारत-पाक के बीच हुए सीजफायर का क्रेडिट लेने का कोई भी मौका नहीं छोड़ा। लेकिन ट्रंप अपने बयान पर कितने दिनों तक काबिज रहेंगे, वो भी किसी को नहीं पता है। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच कथित सीजफायर के पीछे ट्रंप ने अपनी भूमिका बताई। हालांकि, थोड़े ही दिनों बाद वो अपने ही बातों से पलट गए। भारत-पाक के बीच मध्यस्थता का दावा करने वाले ट्रंप ने कार्यक्रम में कहा कि उन्होंने तनाव करने की खूब कोशिश की लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह सीधे तौर पर यह नहीं कहना चाहते कि उन्होंने मध्यस्थता की।
अब ट्रंप ने अपने एक और बयान से पलटी मारी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने एक कार्यक्रम में दावा किया था कि भारत ने अमेरिका को जीरो टैरिफ का ऑफर दिया है। हालांकि, वो इस बयान पर भी अधिक दिनों तक काबिज नहीं रह पाए। अब उन्होंने कहा है कि उन्हें भारत के साथ व्यपारिक डील को लेकर कोई जल्दबाजी नहीं है। गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार डील को लेकर कई बैठकें हो चुकी है। ट्रंप लगातार कई देशों से ट्रेड डील साइन कर रहे हैं। इसमें अमेरिका का धूर विरोधी चीन और मीडिल ईस्ट के भी कई देश शामिल हैं। बीते हफ्ते ट्रंप सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने इन देशों के साथ बड़ी डील की है।
ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार को लेकर क्या बोला?
फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि भारत ने अमेरिकी वस्तुओं पर सभी टैरिफ खत्म करने की पेशकश की है। ट्रंप ने इसे ऐतिहासिक व्यापारिक जीत बताते हुए कहा कि भारत व्यापार करना लगभग असंभव बना देते हैं। साथ ही ट्रंप ने दावा किया कि वे अमेरिका के लिए अपने टैरिफ में 100%कटौती करने को तैयार हैं।साथ ही उन्होंने आगे कहा कि मुझे इस डील को लेकर कोई जल्दी नहीं है। गौरतलब है कि ट्रंप लगातार भारत के साथ व्यापार डील को लेकर दावे कर रहे हैं लेकिन भारत की ओर से ट्रंप के बयान पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है
Moody’s ने अमेरिका को दिया झटका
दुनिया की महाशक्ति की सूची में शिर्ष पर काबिज अमेरिका की आर्थिक स्थिति खराब होते दिख रही है। पिछले तीन सालों में पहली बार अमेरिका के अर्थव्यवस्था में 0.03 फिसदी की गिरावट दर्ज किया गया है। इसके अलावा मूडीज ने अमेरिका पर बढ़ते कर्ज, बढ़ती ब्याज कॉस्ट, राजकोषीय घाटा और अमेरिका में राजनीतिक शिथिलता का हवाला देते हुए अमेरिका की सॉवरेन रेटिंग को कम कर दिया है। मूडीज ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को उसके टॉप लेवल Aaaसे घटाकर Aa1कर दिया है। गौरतलब है कि ट्रंप टैरिफ वॉर छेड़कर अमेरिका की अर्थव्यवस्था मजबूत करना चाहते हैं। यही कारण है कि वो चीन और मीडिल ईस्ट के देशों के साथ ट्रेड डील कर रहे हैं।
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