महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र में लगा राष्ट्रपति शासन

लगातार 20 दिन तक महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर सस्पेंस बना रहा लेकिन जब राज्यपाल को लगा कि प्रदेश में कोई भी पार्टी सरकार नहीं बना सकती तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र सरकार को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की राज्यपाल की सिफारिश पर प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में कैबिनेट की बैठक हुई।

मोदी कैबिनेट ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की जिस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी और महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।

24 अक्टूबर को आए विधानसभा के नतीजों के बाद से महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर लगातार समीकरण बदलते रहे। बीजेपी और शिवसेना ने महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। जिसका नतीजा ये रहा है कि बीजेपी शिवसेना गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला। परिणाम आने के बाद लग रहा था कि दोनो पार्टियां प्रदेश में गठबंधन की सरकार बना लेंगी। लेकिन सरकार बनाने में पेंच तब फंस गया जब शिवसेना ने 50-50 के फॉर्मूले के तहत प्रदेश में सरकार बनाने की शर्त बीजेपी के सामने रख दी। और कहा कि गठबंधन में चुनाव लड़ने को लेकर दोनो पार्टियों में समझौता हुआ था कि अगर प्रदेश में हमारी सरकार बनती है तो सरकार 50-50 के फॉर्मूले के तहत बनाएंगे।

भारतीय जनता पार्टी जब महाराष्ट्र में सरकार नहीं बना सकी थी तो राज्यपाल ने रविवार को शिवसेना को सरकार बनाने का मौका दिया था और 24 घंटे में समर्थन जुटाने को कहा लेकिन शिवसेना बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों का समर्थन नहीं जुटा पाई। इसके बाद राज्यपाल ने अगले 24 घंटे में एनसीपी को सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत जुटाने को कहा एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि उनके पास राज्यपाल का फोन आया है और राज्यपाल ने  दो प्रयास फेल होने के बाद अब एनसीपी को सरकार बनाने के लिए 24 घंटे में समर्थन जुटाने को कहा एनसीपी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी रही। जिसके पास 54 विधायक हैं। जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। दोनों दलों के पास कुल मिलाकर 98 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए दरअसल सोमवार को तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस एक बार तो शिवसेना को समर्थन देने को तैयार दिख रही थी। लेकिन जैसे ही दिल्ली में 10 जनपथ में कांग्रेस की बैठक खत्म हुई सारे समीकरण बदल गए।

कांग्रेस ने कहा कि उसने अभी शिवसेना को समर्थन देने पर कोई फैसला नहीं लिया है। महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद की मांग शुरू कर दी शिवसेना की ओर से यह बताया गया कि चुनाव से पहले बीजेपी ने ढ़ाई-ढ़ाई साल मुख्यसमंत्री पर सहमति दी थी लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी अपने वादे से मुकर गई। बीजेपी की ओर से भी बात बनने की उम्मी्द थी लेकिन यह उम्मीवद उस समय समाप्त  हो गया जब बीजेपी की ओर से राज्येपाल को यह सूचित किया गया कि बीजेपी सरकार बनाने में असमर्थ है।

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने सोमवार शाम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने के लिए दी गई समय सीमा को 48 घंटे और बढ़ाने की मांग की, लेकिन राज्यपाल ने शिवसेना को समय देने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि बीजेपी  105 सीटें जीतकर राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी है, जबकि दूसरी पार्टी है शिवसेना, जिसके 56 विधायक चुनाव जीते हैं। आपको बता दें कि राज्यपाल की तरफ से और वक्त ना दिए जाने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है लेकिन अब महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है।

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