Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन की हार के बाद कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के नेताओं के बीच खींचतान तेज हो गई है। जहां संजय राउत ने हार का कारण ईवीएम को बताया, वहीं शिवसेना (UBT) के अंबादास दानवे ने कांग्रेस को दोषी ठहराया।
सीट बंटवारे पर असहमति से हुआनुकसान
अंबादास दानवे ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद अत्यधिक आत्मविश्वास दिखाया, जो विधानसभा चुनाव परिणामों में भी दिखाई दिया। उनका आरोप था कि सीट बंटवारे की बातचीत में कांग्रेस का रवैया गठबंधन के लिए नुकसानदेह रहा। उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाना चाहिए था, जिससे चुनाव परिणाम बेहतर हो सकते थे। दानवे ने कांग्रेस के अति आत्मविश्वास पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वे नतीजों से पहले ही सूट-टाई पहनकर तैयार हो रहे थे। इसी 'अति आत्मविश्वास' के कारण महा विकास अघाड़ी (MVA) को महाराष्ट्र में नुकसान हुआ।
गठबंधन में दरार
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 13सीटें जीती थीं, जो महा विकास अघाड़ी (MVA) के अन्य सहयोगियों में सबसे ज्यादा थीं। इस सफलता ने नाना पटोले की अगुवाई वाली कांग्रेस इकाई को अत्यधिक आत्मविश्वास दिया, जिससे सीट बंटवारे में दरार आई। नतीजतन, कांग्रेस ने 103सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 16सीटें ही जीती। वहीं, शिवसेना (UBT) ने 89सीटों पर चुनाव लड़ा और 20सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि एनसीपी ने 87सीटों पर चुनाव लड़ा और 10सीटों पर कब्जा किया।
भाजपा की बड़ी जीत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 236सीटें जीतकर शानदार सफलता हासिल की, जिसमें अकेले भाजपा ने 132सीटें जीतीं। कांग्रेस गठबंधन 49सीटों पर सिमट गया, जिसमें कांग्रेस ने केवल 16सीटें जीतीं। दानवे ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि भाजपा उनका इस्तेमाल करती है और फिर छोड़ देती है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणाम ने विपक्षी गठबंधन को गहरे धक्के दिए, और सीट बंटवारे में हुई असहमति के कारण भाजपा को व्यापक जीत मिली। कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के बीच आरोपों का दौर अब भी जारी है।
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