Murshidabad Violence: पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी सांसद यूसुफ पठान अब अपनी ही पार्टी के निशाने पर आ गए हैं। हाल ही में उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर चाय पीते हुए एक फोटो डाली थी, जिसमें कैप्शन लिखा था, "चाय का आनंद लें।" ये पोस्ट ऐसे समय पर सामने आई जब पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा हुई थी। बीजेपी ने जहां इस पोस्ट पर उन्हें घेरा, वहीं अब टीएमसी के सांसद और विधायक भी उनकी चुप्पी से नाराज़ हैं।
बता दें कि,11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा भड़की थी, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। ये हिंसा यूसुफ पठान के संसदीय क्षेत्र बरहामपुर के पास जंगीपुर, शमशेरगंज और धुलियान इलाकों में हुई थी। लेकिन यूसुफ पठान ने इन प्रभावित इलाकों का दौरा नहीं किया और न ही पीड़ितों से मुलाकात की। इससे पार्टी नेताओं को ये संदेश गया कि वह जनता से जुड़े मुद्दों में रुचि नहीं ले रहे।
सांसदों और विधायकों ने जताई नाराज़गी
मुर्शिदाबाद के सांसद अबू ताहिर खान ने कहा कि यूसुफ पठान राजनीति में नए हैं और उनका ऐसे समय पर लोगों के बीच न जाना गलत संदेश दे रहा है। उन्होंने कहा,"ये नहीं कहा जा सकता कि ये मेरा क्षेत्र नहीं है, इसलिए मैं नहीं जाऊंगा। नेता होने के नाते जिम्मेदारी सबकी बनती है।"
भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर ने भी यूसुफ पठान पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा,"वह गुजरात में रहते हैं और अब मतदाताओं से दूरी बना रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम पार्टी नेतृत्व से कहेंगे कि अगली बार उन्हें टिकट न दिया जाए।"
पार्टी में बढ़ रहा असंतोष
टीएमसी के भीतर यूसुफ पठान के खिलाफ आवाजें तेज़ हो रही हैं। अब देखना होगा कि यूसुफ पठान इन विरोधों का जवाब कैसे देते हैं,क्या वे जनता के बीच जाकर अपनी भूमिका निभाएंगे या फिर पार्टी उनके खिलाफ सख्त फैसला लेगी।
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