PM Modi: वायस चांसलर्स के राष्ट्रीय सेमिनार पीएम मोदी का संबोधन, सपनों को पूरा करने की शुरुआत बाबासाहेब ने देश को संविधान देकर की थी

PM Modi: वायस चांसलर्स के राष्ट्रीय सेमिनार पीएम मोदी का संबोधन, सपनों को पूरा करने की शुरुआत बाबासाहेब ने देश को संविधान देकर की थी

नई दिल्ली:  भारतीय विश्वविद्यालय संघ की 95वीं वार्षिक बैठक और वायस चांसलर्स के राष्ट्रीय सेमिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित किया है. पीएम मोदी ने कहा कि आज़ादी की लड़ाई में हमारे लाखों-करोड़ों स्वाधीनता सेनानियों ने समरस, समावेशी भारत का सपना देखा था. उन सपनों को पूरा करने की शुरुआत बाबासाहेब ने देश को संविधान देकर की थी.

पीएम मोदी ने कहा डॉ.राधाकृष्णन जी ने शिक्षा के जिन उद्देश्यों की बात की थी, वो ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल में दिखते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति जितनी व्यावहारिक है, उतना ही व्यावहारिक इसे लागू करना भी है. उन्होंने कहा कि देश बाबा साहेब अंबेडकर के कदमों पर चलते हुए तेज़ी से गरीब, वंचित, शोषित, पीड़ित सभी के जीवन में बदलाव ला रहा है. बाबा साहेब ने समान अवसरों की बात की थी, समान अधिकारों की बात की थी. आज देश जनधन खातों के जरिए हर व्यक्ति का आर्थिक समावेश कर रहा है.

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि जब Knowledge आती है, तब ही Self-respect भी बढ़ती है. Self-respect से व्यक्ति अपने अधिकार, अपने rights के लिए aware होता है और Equal rights से ही समाज में समरसता आती है, और देश प्रगति करता है. उन्होंने कहा कि हर छात्र का अपना एक सामर्थ्य होता है, क्षमता होती है. इन्हीं क्षमताओं के आधार पर स्टूडेंट्स और टीचर्स के सामने तीन सवाल भी होते हैं. पहला- वो क्या कर सकते हैं?दूसरा- अगर उन्हें सिखाया जाए, तो वो क्या कर सकते हैं?और तीसरा- वो क्या करना चाहते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा बाबा साहेब के जीवन संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी आज देश काम कर रहा है. बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है

 

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