Pitru Paksha 2024: पितृपक्ष में नहीं करें ये काम , कंगाल कर सकता है पितरों का प्रकोप
Pitru Paksha 2024: हिंदू धर्म में पितृपक्ष अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण वक्त है। इस दौरान पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किए जाते हैं, लेकिन इस साल चंद्रग्रहण के साए में पितृपक्ष की शुरूआत हो रही है। ऐसे में पितरों को मुक्ति कैसे दिलाएं और उनका आशीर्वाद कैसे प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि जब पितृपक्ष के दौरान चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटना होती है, तो श्राद्ध कर्म करने के नियमों में कुछ बदलाव आ जाते हैं। चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है और इस दौरान कोई धार्मिक कार्य नहीं करने चाहिए। पितृपक्ष के दौरान चंद्र ग्रहण का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह पितरों से जुड़ा एक विशेष समय है।
पितृपक्ष के दौरान लगेगा सूर्यग्रहण
इस बार पितृपक्ष में ही साल का दूसरा चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। 17 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध के साथ ही पितृपक्ष की शुरुआत हो जाएगी। उसी दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगेगा। यह पितृपक्ष अत्यंत शुभदायक नहीं होगा। हालांकि साल का दूसरा चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए भारत में सूतक नहीं माना जाएगा लेकिन पितृ पक्ष पर इस ग्रहण का प्रभाव रह सकता है। आईए जानते हैं पितृपक्ष के दौरान क्या करना चाहिए क्या नहीं।
शुभ काम करने से बचें
पितृपक्ष के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें। जौसै शादी - विवाह , गृह प्रवेश , सगाई , मुंडन जैसे काम करन कर से बचें। पितृपक्ष के दौरान नए कपड़े भी नहीं खरीदने चाहिए। घर के लिए नया सामान या फर्नीचर भी नहीं खरीदें। इसके अलावा खानपान का भी ध्यान रखना चाहिए। मांस , मछली , मदिरापान , लहसुन , प्याज नहीं खाना चाहिए। तिल , लौकी , काला नमक , जीरा , मसूर की दाल , चना , सरसों का साग के सेवन भी नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध के भोजन को लोहे के बरतन में नहीं परोसें। आप तांबे , पीतल या अन्य किसी धातु के वर्तन का प्रयोग कर सकते हैं। इस दौरान बाल - दाढ़ी बनबाने की भी मनाही है। ये गलतियां करने से पितृपक्ष लगाता है और ढ़ेर सारी समस्याएं होने होने लगती है।
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