HMPV के बाद "मारबर्ग" वायरस की दहशत, तंजानिया में आठ लोगों की ले ली जान

HMPV के बाद

Markburg Virus Breakout: अभी तक कोरोना और एचएमपीवी संक्रमण के चलते दुनिया दहशत में थी। मगर अब एक और नया वायरस आने से हड़कंप मच गया है। इस वायरस का नाम मारबर्ग बताया गया है, जिसकी वजह से तंजानिया में 8लोगों की जान चली गई। इन मौतों के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट हो गया है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार यानी 15जनवरी को कहा कि उत्तरी तंजानिया के सुदूर हिस्से में संदिग्ध मारबर्ग के प्रकोप से आठ लोगों की जान चली गई है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने एक बयान में बताया कि हमें तंजानिया में मारबर्ग वायरसे से संक्रमित 9मामलों का की जानकारी है। जिनमें 8लोगों की जान चली गई। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इबोला की तरह मारबर्ग वायरस फलों, चमगादड़ों से फैलता है और संक्रमित व्यक्तियों के शारीरिक तरल पदार्थ या दूषित चादर जैसी सतहों के निकट संपर्क के माध्यम से अन्य लोगों में फैलता है।

88 फीसदी लोगों के लिए घातक है मारबर्ग

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, अगर उपचार नहीं कराया गया तो मारबर्ग के प्रकोप से बीमार पड़ने वाले 88फीसदी लोगों के लिए यह घातक हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, उल्टी और कुछ मामलों में अत्यधिक रक्त हानि के कारण जान भी जा सकती है। हालांकि, फिलहाल मारबर्ग के लिए कोई अधिकृत उपचार या टीका अभी नही आई है।डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तंजानिया में संदिग्ध प्रकोप के लिए उसका जोखिम मूल्यांकन राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक है, लेकिन वैश्विक स्तर पर ज्यादा नहीं है। तंजानिया के स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है।  

रवांडा में मिला था मारबर्ग का मामला

बता दें कि, पहली बार 27 सितंबर को रवांडा में मारबर्ग का प्रकोप  रिपोर्ट किया गया था। इसका ऐलान 20 दिसंबर को किया गया था। रवांडा के अधिकारियों ने इसके प्रकोप से कुल 15 मौतों और 66 मामलों की बात कही थी। इनमें से अधिकांश प्रभावित मरीज वो स्वास्थ्यकर्मी थे, जिन्होंने पहले रोगियों का इलाज किया। रवांडा के साथ सीमा साझा करने वाले कागेरा के मारबर्ग में 2023 में फैलने से कम से कम पांच लोगों की जान चली गई थी। 

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