ISI Spies Caught in Delhi: भारत से निकाले गए दोनों जासूस पाकिस्तान पहुंचे, आईएसआई को ऐसे भेजते थे जरूरी सूचनाएं

ISI Spies Caught in Delhi: भारत से निकाले गए दोनों जासूस पाकिस्तान पहुंचे, आईएसआई को ऐसे भेजते थे जरूरी सूचनाएं

नई दिल्‍ली: एक बार फिर पाकिस्तान की करतूत उजागर हो गई है और आईएसआई के जासूसों का पर्दाफाश हो गया है. दरअसल. ये पाकिस्‍तानी हाई कमिशन में काम करते हुए सूचना जुटा रहे थे लेकिन रविवार को उन्‍हें रंगे हाथ पकड़ लिया गया. जासूसों के खिलाफ ऑफिशियल्‍स सीक्रेट्स ऐक्‍ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. भारत ने पाकिस्‍तानी हाई कमिशन के दो स्‍टाफ को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है. उन्‍हें 24 घंटे में देश छोड़कर जाने को कहा गया. भारत से निकाले गए दोनों जासूस पाकिस्तान पहुंच चुके हैं. उन्हें 24 घंटे में देश छोड़ने को कहा गया था. सोमवार को पाकिस्‍तान विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने उनके वाघा बॉर्डर के जरिए वापस लौटने की पुष्टि की है. बता दें कि उनकी गिरफ्तारी ने पाकिस्‍तान के स्‍पाई ट्रैप का नक्‍शा सामने रख दिया है. बता दें आईएसआई के ये जासूस खुद को कारोबारी बताकर डिफेंस ऑफिसर्स से मिलते और उनसे कहते कि न्‍यूज रिपोर्टर्स के लिए इन्‍फॉर्मेशन ले रहे हैं. बाद में ये मौका मिलते ही जानकारी को आईएसआई को पहुंचा देते थे.
 
 
बता दें कि तीनों को आईएसआई से पूरी ट्रेनिंग मिली हुई है. ये आबिद हुसैन (42) और ताहिर खान (44) नाम के ये शख्स फर्जी आधार कार्ड लेकर घूम रहे थे. दोनों डिफेंस के अधिकारियों को ललचाते हुए बहाने से उनसे इन्‍फॉर्मेशन निकलवाने की कोशिश करते थे. इस‍ वजह से मिलिट्री इंटेलिजेंस के रडार पर थे. इनकी संदिग्ध हरकतों को देखते हुए दिल्‍ली पुलिस की स्‍पेशल सेल के साथ मिलकर उन्‍हें ट्रैक करना शुरू किया गया. दरअसल तीनों पाकिस्‍तानी नागरिक  रविवार को करोलबाग में बेहद खुफिया सूचना देने के लिए एक डिफेंस कर्मचारी से मिलने गए थे. तभी उन्‍हें धर दबोचा गया. उनके पास से 15 हजार रुपये और दो आईफोन मिले हैं. बता दें कि पाक हाई कमिशन के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेड में असिस्‍टेंट आबिद हुसैन आईएसआई का ऑपरेटिव था. बताया जा रहा है कि वह पाकिस्‍तान के पंजाब का रहने वाला है. उसने भारत को बताया कि वह अमृतसर से है. उसका साथी मोहम्‍मद ताहिर इस्‍लामाबाद से है और हाईकोर्ट में अपर डिविजन क्‍लर्क है. दोनों दो साल से हाई कमिशन में थे. उनकी गाड़ी चलाने वाला जावेद भी पाकिस्‍तान के पंजाब का रहने वाला है. दोनों साथ-साथ न्‍यूज रिपोर्टर्स के लिए इन्‍फॉर्मेशन बटोरने निकलते थे.
 
बता दें कि इन फर्जी रिपोर्टर्स को हर आर्टिकल के 25 हजार रुपये और महंगे तोहफे मिला करते थे. बहरहाल पाकिस्तान ने अपने तीन नागरिकों को पकड़े जाने और जासूसी के आरोपों को बेबुनियाद और झूठा करार दिया है. इस्‍लामाबाद की तरफ से कहा गया है कि उसके कर्मचारियों को टॉर्चर किया जा रहा है.  पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह कार्रवाई जम्‍मू-कश्‍मीर में खराब होने हालात और मानवाधिकार उल्‍लंघन और बीजेपी सरकार के सामने खड़ी बाहरी और अंदरूनी चुनौतियों से ध्‍यान हटाने की तरकीब है.
 

Leave a comment