Pakistan on Kargil War: सेना प्रमुख ने खोला पाकिस्तान का काला- चिट्ठा , दुनिया को बताई कारगिल युद्ध की सच्चाई
Pakistan on Kargil War: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में सेना औऱ सरकार का आमने - सामने आना आम बात बन गई है। कितनी बार दुनिया ने पाकिस्तान में तख्तापलट होते देखी है। एक बार फिर पाकिस्तानी सेना प्रमुख के बयान ने कारगिल युद्ध को लेकर पाकिस्तान की पोल खोल दी है। सेना प्रमुख के बयान से पाकिस्तान में एक बार फिर सरकार और सेना के बीच तल्खी बढ़ सकती है। बता दें कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर शुक्रवार यानी 6 सितंबर को रक्षा एंव शहीद दिवस समारोह के दौरान कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी सेना के शामिल होने की बात कही है।
सेना प्रमुख ने खोली पाकिस्तान की पोल
मुनीर ने कहा कि वास्तव में पाकिस्तान एक साहसी और निर्भीक राष्ट्र है, जो स्वतंत्रता के महत्व को अच्छी तरह समझता है और किसी भी कीमत पर इसकी रक्षा करना जानता है। चाहे 1948, 1965, 1971 का पाक-भारत युद्ध हो या कारगिल या सियाचिन संघर्ष, हजारों सेनाओं ने देश की सुरक्षा और सम्मान के लिए बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र ने हमेशा सभी क्षेत्रों में सेना को मजबूत किया है। जिसमें प्राकृतिक आपदाओं, विदेशी शत्रुता या आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई भी शामिल है। इस समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी हिस्सा लिए थे। जिसमें सेना के शीर्ष अधिकारी, वरिष्ठ सैन्य और सरकारी अधिकारी तथा सैनिकों के परिवार के लोग भी शामिल हुए थे।
पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध से झाड़ लिया था पल्ला
पाकिस्तान ने शुरू में यह कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि इस संघर्ष में निजी स्वतंत्रता सेनानी शामिल थे। लेकिन जल्द ही लड़ाई के पैमाने से पता चला कि दो देशों की सेनाएं एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही थीं। कारगिल युद्ध समाप्त होने के बाद पाकिस्तान ने सिंध रेजिमेंट की 27वीं बटालियन के कैप्टन करनाल शेर खान और नॉर्दर्न लाइट इन्फैंट्री के हवलदार लालक जान को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार निशान-ए-हैदर से सम्मानित किया था। मुनीर ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि देश कि राजनीतिक मतभेदों को नफरत में बदलने की इजाजत नहीं देगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि सेना और जनता के बीच मजबूत संबंध है। दोनों के बीच दरार पैदा करने की कोशिश करने वाले किसी भी दुश्मन को हराने के लिए साथ काम करेंगे।
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