एकबार फिर किसानों को खाद देने में नाकाम साबित हुई सरकार, कतारों में खड़ा अन्नदाता- हुड्डा

एकबार फिर किसानों को खाद देने में नाकाम साबित हुई सरकार, कतारों में खड़ा अन्नदाता- हुड्डा

चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गन्ने की फसल पर सरकार द्वारा प्रति क्विंटल 7% वजन कटौती के फैसले को किसानों के साथ अन्याय करार दिया है। हुड्डा का कहना है कि पिछले साल हारवेस्टर से कटाई वाली फसल पर 5% वजन कटौती की जाती थी, जिसे इसबार बढ़ाकर 7% कर दिया गया है। जबकि पंजाब समेत अन्य राज्यों में हरियाणा से कम कटौती होती है। पंजाब में प्राइवेट और सरकारी दोनों तरह की बिकवाली पर सिर्फ 3 प्रतिशत कटौती होती है। ऐसे में बीजेपी-जेजेपी द्वारा हरियाणा के किसान को किस गुनाह की सजा दी जा रही है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वजन कटौती में बढ़ोत्तरी करके सरकार गन्ना किसानों को दोहरी मार मारने में लगी है। एक तरफ कम कीमत पर उनकी फसल खरीदी जा रही है और दूसरा वजन कटौती के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है। स्थिति यह है कि गन्ने की खोई ₹400 प्रति क्विंटल के रेट पर बिक रही है और गन्ना सिर्फ ₹360 के रेट पर। आज की तारीख में गन्ने की खोई भी इथेनॉल बनाने के काम आ रही है। इसलिए किसान की लागत और गन्ने की उपयोगिता को देखते हुए हरियाणा के किसानों को कम से कम ₹400 प्रति क्विंटल रेट मिलना चाहिए।

हुड्डा ने अपने बयान में खाद के लिए परेशान हो रहे किसानों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि एकबार फिर बीजेपी-जेजेपी सरकार किसानों को वक्त पर पूरी खाद देने में नाकाम साबित हुई है। हरेक सीजन की तरह इसबार भी किसानों को कई-कई दिन और घंटों लंबी कतारों में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वक्त पर खाद नहीं मिलने से किसानों को उत्पादन में घाटे का डर सता रहा है। इसलिए सरकार को अन्नदाता के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए तुरंत खाद की किल्लत को दूर करना चाहिए।

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