ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने लगाया मानसिक उत्पीड़न के आरोप

ओलंपिक पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन ने लगाया मानसिक उत्पीड़न के आरोप

नई दिल्ली: बर्मिंघम में बहुप्रतीक्षित राष्ट्रमंडल खेलों के शुरू होने से पहले, प्रत्येक एथलीट पदक के साथ वापसी के लिए अंतिम प्रशिक्षण सत्र में खुद को या खुद को आगे बढ़ा रहा है। बर्मिंघम 2022 संस्करण के शुरू होने से पहले जहां खेल जगत की हस्तियों के लिए तैयारियां जोरों पर हैं, वहीं 29 जुलाई शुक्रवार को भारत की मुक्केबाज लवलीना बोरोगोहेन ने सनसनीखेज दावा कर सबका ध्यान खींचा है। टोक्यो 2020 में कांस्य पदक जीतने वाली 24 वर्षीय लवलीना ने सोमवार (25 जुलाई) को मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया और दावा किया कि उनके कोच को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 में प्रवेश से वंचित कर दिया गया है।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर उन्होंने लिखा,"मैं बहुत दुख के साथ कह रही हूं कि मुझे बहुत उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।" "हर बार ओलंपिक में पदक जीतने में मेरी मदद करने वाले मेरे कोचों को मेरी प्रशिक्षण प्रक्रिया और प्रतियोगिता से हटा दिया गया है। इनमें से एक कोच संध्या गुरुंग जी भी द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता हैं। हजारों अनुरोधों के बावजूद, उन्हें हमेशा देर से अनुमति दी जाती है। मेरे प्रशिक्षण के लिए। यह मेरे प्रशिक्षण में बाधा डालते है और मुझे बहुत कठिनाइयों और मानसिक उत्पीड़न के माध्यम से रखते है।"

लवलीना ने कहा, 'अभी मेरे कोच संध्या गुरुंग जी कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं और उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है और मेरा ट्रेनिंग प्रोसेस गेम्स के आठ दिन पहले रुक गया है। मेरे दूसरे कोच को भी इंडिया वापस भेज दिया गया है। मेरे इतने आग्रह के बाद भी यह सबकुछ हुआ है जिससे मुझे काफी मेंटल  harassment हुआ। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि मैं गेम में कैसे फोकस करूं।'लवलीना ने बाताया, 'इसके चलते मेरा लास्ट वर्ल्ड चैम्पियनशिप भी खराब हुई और इस पॉलिटिक्स के चलते मैं अपना कॉमनवेल्थ गेम्स खराब नहीं करना चाहती हूं।आशा करती हूं कि मैं मेरे देश के लिए पॉलिटिक्स को तोड़ कर मेडल ला सकूं।'

भारतीय दल में शामिल संध्या गुरुंग

हालांकि, पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले संध्या गुरुंग और खेल मनोचिकित्सक गायत्री वर्तक को भारतीय दल में शामिल कर लिया गया है। द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता संध्या राष्ट्रीय शिविर में सहायक कोच हैं और वह टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन का मार्गदर्शन कर रही हैं। गायत्री मानसिक अनुकूलन कोच हैं, जिन्होंने मई में भारतीय टेबल टेनिस टीम के साथ राष्ट्रीय शिविर में काम किया था।

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के एक सूत्र ने कहा, संध्या गुरुंग और गायत्री वर्तक को भारतीय दल में शामिल किया गया है। टोक्यो ओलंपिक से पहले लवलीना को मुश्किल मानसिक स्थिति से बाहर निकालने का श्रेय संध्या को जाता है। वह मुक्केबाजी दल के साथ आयरलैंड गई थीं, जहां मुक्केबाजों ने 15दिवसीय शिविर में हिस्सा लिया था।

संध्या को भारतीय दल में आखिरी क्षणों शामिल किया गया था, जिसके कारण उनका एक्रीडेशन नहीं पहुंच सका और बर्मिंघम पहुंचने पर उन्हें हवाई अड्डे पर रोक लिया गया। वह इसके बाद उस होटल में रुकीं जहां अतिरिक्त अधिकारी ठहरे हुए हैं। गायत्री को अभी भी अपने वीजा का इंतजार हैं।

खबरों के मुताबिक, 'संध्या पहले ही बर्मिंघम पहुंच चुकी है, लेकिन गायत्री अपने वीजा का इंतजार कर रही है जो कल (मंगलवार) आएगा। पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी खिलाड़ी गायत्री इन खेलों में मुख्य रूप से टेबल टेनिस खिलाड़ियों की मदद करेंगी। वह अतीत में लक्ष्य सेन और स्क्वॉश खिलाड़ी सौरव घोषाल की मदद कर चुकीहैं। इससे पहले टेबल टेनिस खिलाड़ियों ने भारतीय दल में उन्हें शामिल नहीं करने पर निराशा जताई थीं।

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