अब विमान यात्रा करते समय आपको पहले से ज्यादा सुरक्षा का अहसास होगा, क्योंकि देश में विमान सेवा संचालन के लिए 85 साल से चले आ रहे एयरक्राफ्ट एक्ट, 1934 में संशोधन की राह साफ हो गई है।
केंद्रीय कैबिनेट ने इस कानून में संशोधन कर उसे अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के मानकों के अनुरूप करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब हवाई सेवा संचालन के नियमों के उल्लंघन पर अधिकतम 10 लाख रुपये के बजाय एक करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की तरफ से मंजूर किए गए संशोधन के बाद मौजूदा कानून में हवाई सेवा संचालन के सभी पहलुओं के नियमन में मदद मिलेगी। इस संशोधन से तीनों नियामक संस्थाओं नागरिक उड्डयन महानिदेशालय, नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो भी ज्यादा प्रभावी साबित होंगे। और साथ ही इससे देश में विमानों के संचालन में बचाव और सुरक्षा के स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
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